बिना रक्तस्राव के यूटरस की सर्जरी संभव
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया है। पहले शरीर के किसी भी भाग को सर्जरी करने के लिए चीरफाड़ करने की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब यह बिना चीरफाड़ के संभव है। यह बातें रविवार को भुवनेश्वर किम्स हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. सुजीत बेहरा ने कहीं।
गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की ओर से नई तकनीक के विकास पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। साथ ही झारखंड का पहला हारमोनिक स्कालपेल मशीन का भी उद्घाटन किया गया। इसके तहत कुल चार यूटरस की सर्जरी की गई। डॉ. सुजीत बेहरा ने दर्जनों चिकित्सकों को हारमोनिक स्कालपेल मशीन संचालित करने का प्रशिक्षण देते हुए कहा कि यह काफी कारगार साबित होगी। उन्होंने भुवनेश्वर में इस मशीन के माध्यम से करीब दो हजार से अधिक सर्जरी कर चुके है। इसमें शत फीसद इलाज सफल रहा है। डॉ. सुजीत ने बताया कि इस पद्धति के द्वारा सर्जरी कराने से कई फायदे मिलेंगे। पहला रक्त का स्त्राव बिल्कुल नहीं होगा और 24 घंटे में अस्पताल से छुंट्टी मिल जाएगी। मरीज की रिकवरी जल्द होती है और शरीर का टिसू नहीं जलता है। वहीं डॉ. एम आलम ने बताया कि इस पद्धति से लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा। गंगा मेमोरियल अस्पताल के निदेशक डॉ. एन सिंह ने कहा कि हमारा मकसद पीड़ितों को सेवा उपलब्ध कराना है, न कि व्यवसाय करना। इस अवसर पर डॉ. रुद्र प्रताप, डॉ. मंजूला श्रीवास्तव, डॉ. एम. आलम, डॉ. डीके सिन्हा, डॉ. एचआर खान, डॉ. संजय, डॉ. पियूष जैन, डॉ. प्रीति मोहन, डॉ. माधुरी मुखर्जी आदि उपस्थित थे।