परीक्षा के चक्कर में खटाई में पड़ी पढ़ाई
हजारीबाग : विभावि के कॉलेजों की पढ़ाई अब खटाई में पड़ चुकी है। इसकी मूल वजह है- परीक्षा। परीक्षाएं ज
हजारीबाग : विभावि के कॉलेजों की पढ़ाई अब खटाई में पड़ चुकी है। इसकी मूल वजह है- परीक्षा। परीक्षाएं जब शुरू हो जाती हैं, तो इसकी प्राथमिकता के मुकाबले सब कुछ कमजोर पड़ने लगता है।
विगत छह फरवरी से बीएड परीक्षा शुरुआत हुई जो 13 फरवरी तक जारी रही। इस दौरान पूर्वाहन में कक्षाएं हुईं। अपराहन में परीक्षाओं का आयोजन हुआ।
18 फरवरी से इंटर की परीक्षा शुरू हुई है, जो होली के बाद तक जारी रहेगी। कई कॉलेजों में मैट्रिक की परीक्षाएं भी प्रथम पाली में हुई। अब 28 फरवरी से स्नातक तीसरे समसत्र की परीक्षा पहली पाली में चलेगी, जबकि दूसरी पाली में इंटर की परीक्षा चलेगी। स्नातक तीसरे समसत्र की परीक्षा तो अप्रैल के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी।
फिर शुरू होगी हजारीबाग की जुनूनी रामनवमी। इसका खुमार जब उतरेगा, तब स्नातक खंड दो विशेष परीक्षाओं के आयोजन की शतरंजी बिसात सजेगी। इसी के समानांतर प्रथम समसत्र की परीक्षा शुरू होने की संभावना है। इसके बाद स्नातक भाग-तीन की परीक्षाएं शुरू होंगी।
इसके बाद जो शिक्षक परीक्षाओं का वीक्षण करेंगे। तात्पर्य यह कि परीक्षाओं के इस दौर में ऋतु समाप्त हो जाएगी।
फिर शिक्षक अपने-अपने विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य से जुड़ जाएंगे। कुछ कॉलेजों को मूल्यांकन केंद्र भी बनाया जाएगा। इस बीच एक माह का ग्रीष्मावकाश भी होगा। कुल मिलाकर विद्याíथयों की पढ़ाई पर ग्रहण छाया रहेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह परीक्षा भवन का अभाव है, जिस वजह से सारी परीक्षा विवि को कक्षाओं में ही आयोजित करनी पड़ती है। इसका सीधा नुकसान विद्याíथयों को उठाना पड़ रहा है।
बहुदेश्यीय परीक्षा भवन अधर में -
झारखंड गठन के साथ ही बदुदेश्यीय परीक्षा भवन निर्माण के लिए एक-एक करोड़ का आवंटन सभी जिलों में हुआ था। उदेश्य था कि उसी में जिले भर के कॉलेजों के विद्याíथयों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। संत कोलंबा परिसर में उसका निर्माण भी शुरू हुआ, जो वर्षों से अधूरा पड़ा है। विभावि ने पुन: उसका प्राक्कलन मानव संसाधन को भेजा है। उस भवन का निर्माण पूरा होने पर पढ़ाई में बाधा की समस्या समाप्त हो सकती है।