टीके से होंगे नपुंसक, इस अफवाह से 150 बच्चों का स्कूल जाना बंद
अंधविश्वास और जागरूकता की कमी ने हजारीबाग के दारू में एक संकट खड़ा कर दिया है। इससे अब बच्चों के भविष्य पर भी आन पड़ी है।
राजन सिन्हा, दारू (हजारीबाग)। अंधविश्वास और जागरूकता की कमी ने हजारीबाग के दारू में एक संकट खड़ा कर दिया है। इससे अब बच्चों के भविष्य पर भी आन पड़ी है। साथ ही दारू प्रखंड के जबरा उत्क्रमित विद्यालय व मध्य विद्यालय दारू के शिक्षक भी परेशान हैं। यहां स्कूलों में बच्चों को खसरा व दिव्यांगता से बचाने का टीका दिया जा रहा है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर किसी ने अफवाह फैला दी कि दारू प्रखंड के जबरा उत्क्रमित विद्यालय व मध्य विद्यालय दारू में इंजेक्शन देकर मुस्लिम बच्चों को नपुंसक बनाया जा रहा है। मैसेज वायरल हुआ तो अभिभावक बच्चों को स्कूल से वापस घर ले गए और फिर स्कूल भेजने से मना कर दिया। हालत यह है कि दोनों स्कूलों में करीब 150 बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं।
इन सब के पीछे यह एक वायरल मैसेज है, जिसमें स्मॉल पॉक्स के टीकाकरण के नाम पर एमआर वैक्सीन बच्चों को दिए जाने की बात बताई गई है। बताया गया है कि यह इंजेक्शन दिए जाने के 40 वर्ष के बाद व्यक्ति नपुंसक हो जाएगा। इसे ही सच मानकर अभिभावक स्कूल पहुंचे और जबरन अपने बच्चों को स्कूल से घर ले गए। शिक्षकों ने अभिभावकों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नही थे। अब वे बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है। इस बारे में दारू मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मंजू देवी ने बताया कि लगातार अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन वे इस संदर्भ में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।
अभिभावक जिस टीके से भयभीत हो रहे हैं वह विकलांगता और खसरा से बचाने का टीका है। नपुंसकता की बात पूरी तरह से गलत है - रूबी लकड़ा, प्रभारी सिविल सर्जन, हजारीबाग।