भूख के खिलाफ रोटी बैंक के साथ आया विभावि
हजारीबाग : रोटी बैंक के भूख के खिलाफ मुहिम में शामिल होते हुए विभावि राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से
हजारीबाग : रोटी बैंक के भूख के खिलाफ मुहिम में शामिल होते हुए विभावि राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से शनिवार को करीब एक हजार रोटियां दी गई। जाति व धर्म के आडंबर से परे इस मुहिम ने इस खूबसूरत फलसफे को पुष्ट किया कि पूरा विश्व रोटी के लिए पाप-पुण्य की जद्दोजहद में पड़ा हुआ है। इस दौरान शुरू हुई बहस श्रृंखला में प्रतिकुलपति डॉ. मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि पोवर्टी, पॉल्यूशन व पोपुलेशन तीसरी दुनिया की महती समस्या है। सामाजिकी संकायाध्यक्ष डॉ. बालेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि कार्ल मार्क्स के दर्शन से भूख के खिलाफ पहला शंखनाद हुआ था। तापस चक्रवर्ती ने कहा कि रोटी बैंक एक पहला है, तो दूसरी ओर सामाजिक व सांप्रदायिक समरसता का संदेश वाहक भी है। रोटी बैंक के प्रबंधनिदेशक मो. खालिद ने बताया कि इस फलसफे की बुनियादी उत्तर प्रदेश के एक गांव में पड़ी थी, जिसकी बेल हजारीबाग तक पहुंच गयी है। यह बैंक लावारिस भिखारी, विक्षिप्त व लाचारों की भूख के खिलाफ कार्यशील है। विभावि विभावि परिवार ने माह में न्यूनतम एक मर्तबा रोटी बैंक को समृद्ध करने का फैसला लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. उषा सिंह ने की, जबकि संचालक डॉ. सुकल्याण मोइत्रा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रीता कुमारी ने किया, जहां भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ. परमानंद महतो, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. वीरेंद्र कुमार गुप्ता, डॉ. अशोक व डॉ. अजय बहादुर सिंह के अलावा दर्जनों विद्यार्थी व शिक्षक मौजूद थे।