इचाक में दस रुपये पीस मिलता है डेटोनेटर
संस, हजारीबाग : अवैध पत्थर खनन के मामले इचाक कोई नया नाम नहीं है। उसी तरह अवैध विस्फोटकों से भी क्षे
संस, हजारीबाग : अवैध पत्थर खनन के मामले इचाक कोई नया नाम नहीं है। उसी तरह अवैध विस्फोटकों से भी क्षेत्र का गहरा संबंध रहा है। पुलिस की शिथिलता के कारण इस धंधे से जुड़े लोगों का मनोबल इस कदर बढ़ा कि अब तो स्थिति ऐसी है कि क्षेत्र में डेटोनेटर व जिलेटीन की छड़ों की उपलब्धता बेहद आम आम हो गई। यहां खुलेआम जिलेटीन की छड़ें तथा अमोनियम नाईट्रेट, व डेटोनेटर बिक्री के लिए उपलब्ध है। डेटोनेटर 10 -15 रुपए में आसानी से खरीदे जा सकते हैं। ऐसा नहीं कि पुलिस को कोई सुराग ही हाथ नहीं लगी, कई मामले उसके संज्ञान में आई लेकिन कभी गंभीरता से जांच को अंतिम मुकाम तक नहीं पहुंचाया गया। पुलिस रिकार्ड भी इसकी पुष्टि करते हैं। गत 16 माह में अकेले इचाक थाना क्षेत्र में अवैध विस्फोटक से संबंधित 11 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने इस दौरान चार हजार डेटोनेटर, जिलेटीन की छड़ें तथा प्रतिबंधित आमोनियम नाइट्रेट भी भारी मात्रा में जब्त किया है। इस दौरान विस्फोट की चपेट में आने से करीब एक दर्जन लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसके अलावा पदमा, बरकट्ठा तथा विष्णुगढ़ से भी विस्फोटक बरामद होते रहे हैं। अबतक पुलिस ने 16 माह में 9 हजार पीस डेटोनेटर जब्त किया है। वहीं इस मामले में एक दर्जन आरोपियों को जेल भेजा गया है। पुलिस के रिकार्ड में 24 अन्य नामजद अब भी फरार चल रहे हैं। अवैध विस्फोटको की बात करें तो सबसे बड़ा खेप 6 मई को पदमा के सुरजपूरा में पकड़ा गया, जहां विस्फोट के बाद पुलिस ने सर्च अभियान में पांच हजार डेटोनेटर बरामद किए। वहीं इचाक क्षेत्र में पुलिस ने छापामारी अभियान चलाकर अप्रैल 6 फरवरी 2015 को दो हजार डेटोनेटर बरामद किया था। 3 मार्च को डुमरौन गंाव के अर्जुन मेहता के घर से पुलिस ने एक हजार, 19 मार्च को उसी गंाव के नागेश्वर मेहता, सरोज मेहता के घर से पांच सौ तथा 14 अप्रैल को एक बार फिर गुप्त सुचना के आधार पर पुलिस ने एक हजार डेटोनेटर बरामद किया। इसके अलावा अलावा पुलिस ने 26 मार्च को भी अवैध उत्खनन को लेकर छापामारी के क्रम में उत्खनन स्थल पंडरा जंगल से दो सौ डेटोनेटर बरामद की थी।
कमांडर जीप के उड़ गए थे परखच्चे, दो की हुई थी मौत
वर्ष 2006 में इचाक क्षेत्र में अवैध विस्फोटकों से भरे एक कमांडर वाहन में विस्फोट हो जाने से जीप के परखच्चे उड़ गए थे। इस घटना में दो लोगों की मौत हुई। विस्फोट की भयावहता इस कदर थी कि पुलिस को 50 मीटर दूर से शव के अवशेष को खोजकर लाना पड़ा था। इसके अलावा वर्ष 2014 के फरवरी माह में खदान में हुए विस्फोट में चतरा जिला के तीन मजदूरों की मौत पत्थर से दबकर हो गई थी।