इसी माह शुरू होगी एनटीपीसी पकरी बरवाडीह परियोजना
जासं, हजारीबाग : ग्यारह वर्ष से लंबित एनटीपीसी की देश की पहली कोल परियोजना की शुरूआत अप्रैल माह के आ
जासं, हजारीबाग : ग्यारह वर्ष से लंबित एनटीपीसी की देश की पहली कोल परियोजना की शुरूआत अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में हो सकती है। बहुत जल्द ही पकरी बरवाडीह कोल प्रोजेक्ट के लिए तिथि की घोषणा कर दी जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि परियोजना के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री रघुवर दास मौजूद रहेंगे। शुक्रवार को इसकी जानकारी उपायुक्त मुकेश कुमार, एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक आरएस राठी, बड़कागांव विधायक निर्मला देवी और पूर्व मंत्री सह रैयतों के नेता योगेंद्र साव ने परियोजना पर सहमति बनने के बाद संयुक्त रूप से पत्रकारों को दी। परियोजना के शुरूआत के पहले रैयतों के मुआवजे में बढ़ोतरी कर दी गई, जिसे लेकर लगातार रैयत आंदोलन कर रहे थे। अब रैयतों को प्रति एकड़ 15 की जगह 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही गैर मजरूआ जमीन पर जिनका 30 वर्ष से अधिक समय दखल कब्जा है, उन्हें भी एक मुश्त समझौते के तहत 20 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा।
पहली बार परियोजना में गैर मजरूआ जमीन पर 30 वर्ष से कम अवधि तक दखल-कब्जा पर मुआवजा दिया जाएगा। उनके लिए प्रति एकड़ 10 लाख रूपये की राशि तय की गई है। वार्षिक वृति का लाभ सिर्फ रैयतों को मिलेगा।
रैयतों को हक दिलाना प्राथमिकता : उपायुक्त
उपायुक्त मुकेश कुमार ने परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों के बाद कई बिंदुओं पर सहमति बनी है। जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता रैयतों को उनका हक दिलानी होगा। पंचायत लेबल पर जाकर रैयतों के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। अगर इसपर किसी भी अधिकारी की शिकायत मिलेगी तो सीधे कार्रवाई की जाएगी।
विकास का मॉडल प्रस्तुत करने की होगी कोशिश : आरएस राठी
एनटीपीसी ने कार्यकारी निदेशक आरएस राठी ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से राज्य के लिए विकास का एक मॉडल प्रस्तुत करने की कोशिश होगी। इस माह परियोजना की शुरुआत के साथ ही खनन कार्य भी इसी वर्ष से प्रारंभ हो जाएगा। पूरी परियोजना के लिए 8000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
विधायक ने की आंदोलन वापस लेने की घोषणा
बड़कागांव विधायक निर्मला देवी ने कई बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद 2 जनवरी से ढेंगा में चल रहे आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की। कहा कि रैयतों को अपेक्षा तो और अधिक है लेकिन कोशिश सबकी सहमति बनाने की होगी।
स्थानीय लोगों को मिले प्राथमिकता : योगेंद्र साव
परियोजना को अब तक विरोध करते रहे पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने परियोजना प्रारंभ करने को लेकर सहमति जताई। कहा कि बढ़े हुए मुआवजे की जानकारी रैयतों को दी जाएगी। परियोजना से जुड़े कार्यो में सबसे पहले स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिले। परियोजना का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ हो। अगर रैयतों के साथ पारदर्शिता नहीं रखी गई तो वे फिर से आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे।