कराटे प्रतियोगिता के लिए बांग्लादेश जाएंगी आशा रेवेन
चरही : जहा एक ओर आधी आबादी के अधिकार के लिए कानून बन रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद के क्षेत्र में
चरही : जहा एक ओर आधी आबादी के अधिकार के लिए कानून बन रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद के क्षेत्र में लड़कियों को सारी सुविधाएं देने की बातें होती हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र से आकर चरही कस्तूरबा स्कूल में पढ़ने वाली इंटर की छात्रा का चयन कराटे के लिए बांग्लादेश के लिए हुआ है। आगामी 15 जनवरी को बांग्लादेश जाने की तैयारी हो रही है। क्या इस बार भी उसे यह मौका मिल पाएगा। यह उसके मन में अभी भी संशय बना हुआ है। संशय क्यों न हो। इससे पूर्व तीन बार विदेशों में कराटे का प्रदर्शन करने का मौका गंवा चुकी है। 2010 में स्पेन, 2012 में अफ्रीका, 2013 में सिंगापुर के लिए चयन हुआ। लेकिन उसके सामने आर्थिक समस्या आड़े आती रही। शिक्षा विभाग के अलावे स्थानीय सासद, विधायक, मंत्री यहा तक की सीसीएल के द्वारा भी आर्थिक सहयोग देकर विदेश भेजने का कोरा आश्वासन दिया गया। अब एक बार फिर आशा को फरवरी 2014 के लिए बांग्लादेश के लिए चयन हुआ है। इस बार उसके समक्ष उसी तरह की स्थिति बनी थी। लेकिन स्कूल की पूर्व वार्डेन अमला राणा अपनी खर्च पर उसे बांग्लादेश ले जाने को आतुर हैं। इसके लिए 25 हजार का चेक शिक्षा प्रसार पदाधिकारी और स्कूल परिवार के समक्ष दिया है। साथ ही अन्य प्रक्रिया की तैयारी की जा रही है।