शीर्ष माओवादी कमांडर नारायण सान्याल रिहा
संस, हजारीबाग : सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद माओवादी के शीर्ष पांच नेताओं में से एक नारायण सा
संस, हजारीबाग : सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद माओवादी के शीर्ष पांच नेताओं में से एक नारायण सान्याल उर्फ नवीन प्रसाद उर्फ विजय गुरुवार को जेपी कारा से रिहा हो गए। उन्हें लेने उनके परिजन बंगाल से यहां पहुंचे थे। गुरुवार को रिहा होते ही उन्हें विशेष सुरक्षा में रांची ले जाया गया, जहां से सान्याल कोलकत्ता जाएंगे। उन्हें 23 मार्च 2012 को सुरक्षा कारणों से गिरिडीह जेल से हजारीबाग लाया गया था। उनकी गिरफ्तारी छतीसगढ़ 2008 में हुई थी। इनके उपर हजारीबाग में गिरिडीह व एक आंध्र प्रदेश में मामला दर्ज है। आंध्र के मामले में उसे मंगलवार को जमानत मिली। बुधवार को उनकी जमानत की अर्जी दाखिल करने उनके परिजन हजारीबाग पहुंचे थे। इनमें इनकी 65 वर्षीय बहन एस भट्टाचार्या जो लंदन में रहती है तथा उसके साथ एक मानवाधिकार संगठन के विदेशी सदस्य मि. लिक्स थे। सान्याल की जमानत को लेकर एक सप्ताह पूर्व से ही अटकलों का बाजार गर्म था। गुरुवार को इनकी रिहाई के साथ ही अटकलों पर विराम लग गया। गुरुवार को सभी जगहों से आश्वस्त होने के बाद कारा प्रशासन ने दोपहर करीब तीन से चार बजे के बीच उन्हें रिहा किया। सान्याल के बारे में बताया जाता है कि उनकी गिरफ्तारी 2008 में हुई थी। उनके साथ शीर्ष नक्सली नेता विनायक सेन की भी गिरफ्तारी हुई थी। सुरक्षा कारणों से दोनो को अलग अलग रखा गया था। झारखंड में तीन साल पूर्व उन्हें लाया गया था। सान्याल को लेने उनकी बहन संग अन्य परिजन भी आए थे। जेल से रिहा के बाद सान्याल ने लोगों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इसके बाद पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन से वे रांची की ओर प्रस्थान कर गए।
गिरिडीह टाउन थाना हथियार लूट कांड में बनाए गए थे आरोपी
सान्याल को झारखंड में पहली बार गिरीडीह टाउन थाना में 11 नवंबर 2005 में हुई हथियार लूट मामले में कांड संख्या 295/5 में मुख्य आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा 25 नवंबर 2012 में भी इनके उपर हजारीबाग के सदर थाने में कांड संख्या 935 /12 में मामला दर्ज किया गया था।