खून के कारण कोई मरा तो रेडक्रास जिम्मेवार : सीएस
संस, हजारीबाग : सदर अस्पताल में खून के चलते कोई मरा तो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन नहीं रेडक्रास जिम्मेवार होगा। उक्त बातें गुरुवार को सिविल सर्जन डा. धर्मवीर ने अस्पताल में तीन दिनों से बीटी बैग (खून रखने की थैली) नहीं होने के सवाल पर बिफरते हुए कही। कहा हमारा काम तो सिर्फ देखभाल करना है खून की व्यवस्था रेडक्रास के जिम्मे है। इधर इस प्रकरण से रेड क्रास ने भी पल्ला झाड़ लिया है। रेडक्रास के सचिव डा. सीपी चौधरी ने कहा कि बीटी बैग से रेड क्रास को कोई मतलब नहीं है। रेड क्रास केवल रक्तदान शिविर आयोजित करने का काम करती है। निविदा से लेकर सारी व्यवस्था करने का काम सदर अस्पताल प्रबंधन का है। अस्पताल प्रबंधन और रेडक्रास का यह हाल तब है जब यहां तीन दिन से बीटी बैग खत्म है। मतलब साफ है खून की जरूरत लिए कोई मरीज यहां आया तो अस्पताल प्रबंधन ने उसके मौत की पूरी तैयारी कर रखी है। बीटी बैग नहीं होने से कोई चाह कर भी अस्पताल को रक्तदान नहीं कर सकता। मालूम हो कि इससे पहले तक रेडक्रास के ब्लड बैंक में ब्लड रखने वाला फ्रिज ही काफी दिनों से खराब था। अब जब बड़ी मुश्किल से एक फ्रिज बनाया गया तो फिर बीटी बैग को गायब है। इसे पूरे प्रकरण में अस्पताल प्रबंधन और रेड क्रास प्रबंधन की भूमिका सवालों के घेरे में है।
मरीजों को लौटाया गया वापस
गुरुवार को बीटी बैग के अभाव में क मरीजों को वापस लौटा दिया गया। नहीं चाह कर भी उन्हें निजी नर्सिग होम के शरण में जाना पड़ा। ऐसे में अस्पताल में खून के काले कारोबार का खेल भी शुरु हो गया है।
मरेंगे मरीज और अभी ये लेंगे परमिशन
बीटी बैग खत्म होने के तीन दिन बाद भी सदर अस्पताल प्रबंधन गंभीरता नहीं दिखा रहा है। इसे लेकर सीएस की भूमिका का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें मरीजों की मरने की चिंता तनिक भी नहीं है। बैग खत्म होने की जानकारी उन्हें बुधवार को दी गई थी लेकिन वो बैठक में व्यस्त थे। गुरुवार शाम जब जागरण ने उनसे सवाल पूछा तो उनका कहना था कि अभी मैं उपायुक्त के पास जा रहा हूं, अनुमति के लिए। आशा है अनुमति मिल जाएगी तो रांची से बैग मंगवा लिया जाएगा।
आजसू ने दी चेतावनी
इसे पूरे प्रकरण में एक बार फिर आजसू ने पहल की। बीटी बैग खत्म होने के सवाल पर गुरुवार को विधानसभा प्रभारी प्रदीप प्रसाद और भैया संदीप ने सीएस से मुलाकात की और समस्याओं से अवगत कराया। प्रदीप प्रसाद ने कहा कि अगर अस्पताल प्रबंधन में सुधार नहीं हुआ तो फिर आजसू उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।