सच्चे समर्पण का संकल्प दिवस है फ्रेंडशिप डे
अमित मिश्रा, हजारीबाग : दोस्ती का नाम जिंदगी, जिंदगी का नाम दोस्ती। इस फिल्मी गीत में दोस्ती की सबसे अच्छी परिभाषा छुपी है। सचमुच, सच्चा दोस्त हमारी जिंदगी की तरह होता है। उसके बिना जिंदगी बेमानी लगती है। मनुष्य जन्म लेने के बाद मां, पिता, भाई, बहन, बेटी, पत्नी, भाभी, चाचा, चाची, मामा, मामी समेत कई रक्त संबंधों से जुड़ता है पर मित्रता यानी दोस्ती इस सब से इतर और रक्त संबंध से परे रूहानी रिश्ते का नाम है। जिंदगी में हम हर सुख-दुख सिर्फ दोस्तों से ही शेयर करते है। 3 अगस्त को फ्रेंडशिप डे है। मित्रता दिवस अपने मित्रों, सहेलियों, दोस्तों को अपना सच्चा समर्पण प्रेम न्योछावर करने का दिन है। वैसे तो हर क्षण दोस्त-यार का है पर आज ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे हम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे का संकल्प दिवस है।
मित्रता दिवस पर युवाओं की राय
मेरे लिए तो मेरे दोस्त ऑक्सीजन की तरह है। मेरी सांसे मेरे दोस्त से है। अपने दोस्त के लिए सिर्फ इतना कहूंगी - तेरे जैसा यार कहां, कहां ऐसा याराना, याद करेगी दुनिया तेरा-मेरा अफसाना।
फोटो - 8 : जया पांडेय, बीएड छात्रा -
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आज की दुनिया में जब सब कुछ पैसा है ऐसे में सच्चे दोस्त का मिलना अमूल्य धन है। मैं कामना करती हूं कि मेरे दोस्त हमेशा खुश रहे और ताउम्र मेरे साथ हो।
फोटो - 3 : अनामिका पांडेय, बीएड छात्रा -
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जीवन में कई दुख ऐसे होते हैं जो हम परिवार को नहीं बता सकते। ऐसे में सच्चा दोस्त ही भगवान बन हमारे दुख दूर करता है। दोस्त सच्चा मार्गदार्शक होता है।
फोटो - 4 : श्रुति कुमारी, बीएड छात्रा
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आज मित्रता में भी अन्य संबंधों की तरह संवेदना और भावनाओं में कमी हो रही है। हमारी मित्रमंडली हर दिन जमती है। हम हर सुख दुख का आदान-प्रदान करते है।
फोटो - 6 : पवन कुमार -
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मेरा सबसे प्रिय मित्र पवन है। हमारी जोड़ी को लोग गठबंधन की सरकार कहते है। ये गठबंधन राजनीतिवाली नहीं दिलवाली है। हमारी दोस्ती की लोग मिशाल देते है। भगवान मेरे दोस्त पर कृपा बनाए रखे।
फोटो - 5 : राजेश रंजन
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साहित्य व महाकाव्य में मित्रता का चित्रण : विजयकांत -
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विभावि हिन्दी के विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कांत धर दूबे बताते है कि साहित्य व महाकाव्य में मित्रता का चित्रण मिलता है। जहां रामायण में राम-सुग्रीव मित्र है वहीं महाभारत में कृष्ण-अर्जुन मित्र है। मित्रता का सबसे बड़ा उदाहण गरीब सुदामा ब्राह्माण और द्वारिकाधीश कृष्ण का है जो मित्र की गरीबी दूर करते है। याराना, शोले समेत अन्य फिल्में भी हमें मित्रता का पाठ पढ़ाती है।