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एनएसपीएम का सरगना सहित तीन गिरफ्तार

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 09:16 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 09:16 PM (IST)
एनएसपीएम का सरगना सहित तीन गिरफ्तार

संस, हजारीबाग : विष्णगुढ़ के चलनियां बंबईया मोड़ से गुरुवार की शाम गिरफ्तार अपराधियों में से एक आतंक का पर्याय बन चुके अपराधी गिरोह एनएसपीएम का सरगना उमेश पांडेय है।

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शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी एसपी मनोज कौशिक ने दी। कहा कि पुलिस ने इनके पास से दो नाइन एमएम के पिस्टल, छह कारतूस, सात मोबाइल, दो मोटरसाइकिल, पोस्टर, लेवी रसीद तथा साढ़े तेरह हजार रुपए बरामद किए हैं। इनके साथ गिरफ्तार अन्य दो अपराधी सुरेश भुइयां देवरिया चतरा, तथा मुकेश राणा, सरहेता ईटखोरी के रहने वाले हैं। इन्होंने पूर्व के कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। इनमें दो मामले हत्या से जुड़े हैं। इसके अलावा करीब आधा दर्जन स्थानों से लेवी उठाई है। एनएसपीएम का केंद्र हजारीबाग के विष्णुगढ़, टाटीझरिया, इचाक, डुमरी, चतरा, ईटखोरी व दारु रहा है। पिछले छह माह से ये इस क्षेत्र में सक्रिय थे। गुरुवार देर शाम इनकी गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर योजनाबद्ध तरीके से हुई है। इनके टीम में 17- 18 लोग है, जिनके नाम और पहचान इन्होंने बता दिए है। जल्द ही ये पुलिस के गिरफ्त में होंगे। आगे श्री कौशिक ने इनके गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इनका मकसद क्षेत्र में दहशत फैला कर लेवी वसूलना था। रास्ते में आने वाले लोगों को मार कर आगे बढ़ना इनकी योजना में शामिल था। इसके अलावा अन्य आपराधिक गिरोह के लोगों से संपर्क कर फ्रेंचाईजी के तरह चतरा व अन्य क्षेत्रों में संगठन का नाम देकर वसूली करने की योजना पर काम कर रहे थे। एसपी ने गिरफ्तारी में अहम योगदान देने वाले डीएसपी सतीशचंद्र झा, एसआई क्रिस्टोफर मिंज, पैंथर्स के जवान सबा अहमद, करण, नंद किशोर तथा पुलिस के जवानों की प्रशंसा की।

दो का रहा है पूर्व में माओवादियों से संबंध

एनएसपीएम आपराधिक संगठन के गिरफ्तार तीनों अपराधियों में मुख्य सरगना उमेश पांडेय तथा सुरेश भुईया का संबंध पूर्व में माआवोदियों से रहा है। सुरेश चतरा और उमेश हजारीबाग क्षेत्र में काम कर चुका है। वहीं तीसरा मुकेश राणा का आपराधिक रिकार्ड नहीं है। वे दो माह पूर्व ही संगठन से जुडे़ है। पूर्व में वह बंगलोर में रहकर काम करता था। सुरेश पूर्व में एक बार पुलिस के हत्थे चढ़ा था। उस वक्त उसे बच्चा होने के कारण पुलिस ने छोड़ दिया था। वहीं उमेश पांडेय माओवादियों के सक्रिय दस्ता में शामिल था। तीन - चार वर्ष पहले व ह संगठन छोड़ दिया था। गिरफ्तार तीनों अपराधियों की उम्र 20- 25 वर्ष है।


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