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विकास नीति को बदले सरकार :राजागोपाल

By Edited By: Published: Sun, 19 Feb 2012 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 19 Feb 2012 01:02 AM (IST)
विकास नीति को बदले सरकार :राजागोपाल

गुमला : नेशनल लैंड रीफोर्म कांउसिल के सदस्य और एकता परिषद के अध्यक्ष पी वी राजागोपाल ने कहा है कि सरकार के पास जो विकास की नीतियां है, उससे अपने ही द्वारा बनाए गए कानून का उल्लंघन हो रहा है। देश के विकास के लिए सरकार को नीति बदलने के लिए दबाव बनाया जाएगा। एकता परिषद और गांव गणराज्य परिषद के साझा मंच द्वारा दो अक्टूबर 2011 को कन्याकुमारी से आरंभ भू अधिकार जन संवाद यात्रा के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए परिषद के अध्यक्ष ने शनिवार को गुमला के एराउज सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जल जंगल जमीन जीवन का प्रमुख आधार है। देश के 90 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित हैं। जमीनों की सुरक्षा के लिए सीएनटी और पेशा का कानून बना। वन अधिकार अधिनियम बना, लेकिन सबसे बड़ी विडंबना है कि आज देश से 92 हजार गांव गायब है। उन्होंने कहा कि सी एन टी के तहत अधिसूचित क्षेत्र की भूमि में कोई भी कार्य बगैर ग्राम सभा के सहमति से नहीं होना है। जमीन गरीबों के जीने का आधार है जिसे सरकार उद्योग के नाम पर पूंजीपतियों को देने का काम कर रही है। बड़े-बड़े कंपनियां आ रही है और सरकार के सहमति से गरीबों का भूमि अधिग्रहण कर रही है। कानून के बावजूद अपनी भूमि की रक्षा के लिए ग्रामीणों को आंदोलन करने की आवश्यकता पड़ रही है। भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध कराने की जगह छीनने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा पूरे एक वर्ष का है। पूरे देश में 24 राज्यों में साढ़े तीन सौ जिला से लगभग अस्सी हजार किलोमीटर की यात्रा करेगी। दो अक्टूबर 2012 को ग्वालियर से एक लाख लोग दिल्ली कूच करेंगे और प्रधानमंत्री से विकास नीति को बदलने का दबाव डालेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में जमीन से जुड़ी समस्याओं के कारण और समस्याओं के समाधान की खोज यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है। एक सवाल के जवाब में श्री राजागोपाल ने कहा कि सरकार विकास चाहती है तो कृषि का विकास करे। हल चलाने वालों को जमीन उपलब्ध कराए। उद्योग से ही देश का विकास करना है तो पुनर्वास नीति को सख्ती से लागू करे। दादागिरी से नहीं स्थानीय लोगों की सहमति से उद्योग लगनी चाहिए। उद्योग लगने से पर्यावरण बिगड़ता है। सुन्दर गांव गंदे शहर के रूप में विकसित होता है। औद्योगिक क्षेत्र वाले शहरों में न चलने लायक सुन्दर सड़के हैं और नहीं कोई सुविधा। इस यात्रा में केरल के शंकर नारायण, यात्रा समन्वयक रमेश भाई, मुम्बई के अतीश मेहता, फ्रांस के अल्टाई, भोपाल के ओमा, एंटी क्रप्शन के अवधेश, राज्य समन्वयक राम स्वरूप आदि शामिल हैं। एराउज के सचिव फादर थामस ने यात्रियों का स्वागत किया।

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