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अब भी शेष है सच्ची आजादी का एहसास : भोला

गुमला : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के आचार्य भोलानाथ दास ने कहा कि देश की आजादी के लिए भगत ¨सह और उनक

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST)
अब भी शेष है सच्ची आजादी का एहसास : भोला
अब भी शेष है सच्ची आजादी का एहसास : भोला

गुमला : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के आचार्य भोलानाथ दास ने कहा कि देश की आजादी के लिए भगत ¨सह और उनके दो साथी राजगुरु व सुखदेव ने कुर्बानी दी। उनकी कुर्बानी पर देश आजाद तो हो गया है लेकिन सच्चाई तो यह है कि सच्चे आजादी का भारतीयों को अहसास आज भी शेष है। गुमला के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित भगत ¨सह के 88वीं पुण्यतिथि पर अमर शहीदों को श्रद्धांजली देने के बाद मुख्य वक्ता आचार्य भोला नाथ दास ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सच्चे आजादी का अहसास करना चाहते हैं तो युवाओं को भगत ¨सह का भक्त बनना होगा। भगत ¨सह, राजगुरु और सुखदेव जैसे बीरों की कुर्बानी भारतीय युवाओं को सजग रहने की प्रेरणा देता है। दुनिया तेजी से आगे निकल रही है। आज भगत ¨सह की 88वीं पुण्य तिथि बना रहे हैं। जिस आजादी के लिए भगत ¨सह ने अपनी कुर्बानी दी उस पीड़ा को युवा अपने हृदय में महसूस करे और बताएं कि इसी आजादी के लिए देश के बीर जवानों ने अपनी कुर्बानी दी है। श्री दास ने कहा कि जो गर्म खून बहाता है, व्यर्थ नहीं वो जाता है, आजादी का भोर एक दिन वही वतन में लाता है। परिवर्तन की इस लहर में युवाओं को भगत ¨सह, राजगुरु और सुखदेव के आदर्शो को आत्मसात करना होगा। सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य सुनील कुमार पाठक और शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य राजबल्लभ शर्मा ने भगत ¨सह के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन आचार्य स्वप्न कुमार राय ने किया।


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