कम वर्षापात के कारण आच्छादन का नहीं बढ़ रहा ग्राफ
गुमला : गुमला जिला में धान के अलावा अन्य खरीफ फसलों के आच्छादन की स्थिति काफी ¨चताजनक है। माह जुलाई
गुमला : गुमला जिला में धान के अलावा अन्य खरीफ फसलों के आच्छादन की स्थिति काफी ¨चताजनक है। माह जुलाई के दूसरे सप्ताह तक कम बारिश होने से किसानों के भौं तन गए हैं। तो कृषि विभाग में भी कम आच्छादन को लेकर बेचैनी बढ़ी हुई है। आच्छादन का ग्राफ स्थिर हो गया है। जबकि जुलाई माह भी समाप्ति की ओर है। लेकिन कमजोर मानसून के कारण हुई कम बारिश से किसानों के खेत खाले पड़े हुए हैं। जिन स्थानों पर पानी के स्त्रोत हैं, उन्हीं स्थानों पर आच्छादन देखा जा सकता है। जिला में 20 जुलाई तक सामान्य वर्षा 299.7 मिमि. के विरूद्ध वास्तविक वर्षा 291.7 मिमि. दर्ज किया गया है। कृषि विभाग के सहायक अनुसंधान पदाधिकारी बीरबल उरांव ने बताया कि गुमला जिला में जिला में धान के आच्छादन का लक्ष्य 1.88 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। जबकि इसके विरूद्ध 20 हजार 49 हेक्टेयर भूमि पर ही आच्छादित हो पाया है। वहीं मक्का का लक्ष्य आठ हजार 100 हेक्टेयर के विरूद्ध छह हजार 401, हेक्टेयर भूमि पर आच्छादित है। दलहन में अरहर 15 हजार 200हेक्टेयर के विरूद्ध 2020 हेक्टेयर, उड़द आठ हजार हेक्टेयर के विरूद्ध 339 हेक्ट., मूंग 1500 हेक्टेयर के विरूद्ध शून्य, कुल्थी 1700 हेक्टेयर के विरूद्ध शून्य, कुल दलहन 28 हजार 600 हेक्टेयर के विरूद्ध महज 852 हेक्टेयर भूमि पर ही आच्छादन हुआ है। जबकि अन्य 2100 हेक्टेयर के विरूद्ध 165 हेक्टेयर आच्छादित है। उन्होंने बताया कि गुमला जिला में पिछले दो दिनों में अच्छी बारिश हुई है। इससे पूर्व बारिश की स्थिति काफी खराब थी। वर्तमान में हुई वर्षापात से आच्छादन का क्षेत्र बढ़ेगा। धान के साथ साथ दहलन , तेलहन के अलावा अन्य फसलों के लिए भी लाभकारी होगा।