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विकास नहीं हुआ तो किया धर्मांतरण

विशुनपुर : प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित व विलुप्त प्राय जनजाति बहुल जिल्पीदह गांव के 25 हिंदू सरना धर्

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 07:12 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 07:12 PM (IST)
विकास नहीं हुआ तो किया धर्मांतरण

विशुनपुर : प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित व विलुप्त प्राय जनजाति बहुल जिल्पीदह गांव के 25 हिंदू सरना धर्म से जुड़े परिवार के सदस्यों ने गांव में विकास नहीं होने पर इसाई धर्म को अपना लिया है। धर्मातंरण करनेवालों में मधु वृजिया, प्रदीप वृजिया, कुलदीप वृजिया, लालजीत वृजिया, मंगला वृजिया, छन्दु वृजिया, गो¨वद वृजिया, अशोक वृजिया, राजेश वृजिया, रोपना वृजिया, विरसु वृजिया, विथना वृजिया, संतु वृजिया, बुधना वृजिया, दीपलाल वृजिया, रामधन वृजिया, सुरेन वृजिया, सुरेन वृजिया, चतुर वृजिया, बालेश्वर वृजिया आदि के नाम शामिल हैं। प्रदीप वृजिया, लालजीत वृजिया अशोक वृजिया व गो¨वद वृजिया ने बताया कि उनके गांव व उनलोगों की स्थिति काफी दयनीय है। गांव में न सड़क, शिक्षा, बिजली व पानी का पूरी तरह से अभाव है। रोजगार के अभाव में पलायन की मजबूरी होती है। विकास व रोजगार के लिए प्रखंड व जिला मुख्यालय का चक्कर लगाकर परेशान होने के बाद वे लोग ईसाई धर्म को अपनाने का काम किया।

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धर्म परिवर्तन करने के पीछे एक तथ्य यह भी बताया कि गांव में लोग हमेशा बीमार रहते थे। लेकिन चंगाई सभा में शामिल होने के बाद बीमारी का प्रभाव कम होने लगा था। इस कारण से भी उन लोगों ने इसाई धर्म को अपनाने का काम किया। धर्मातंरण के बाद सभी ने चर्च में जाकर प्रार्थना करना भी शुरू कर दिया है।


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