बाईपास के लिए पांच वर्ष और लंबा इंतजार
गुमला : गुमला के लोगों को अगले पांच वर्ष तक बाईपास के लिए इंतजार करना होगा। तब तक शहर में भारी वाहनो
गुमला : गुमला के लोगों को अगले पांच वर्ष तक बाईपास के लिए इंतजार करना होगा। तब तक शहर में भारी वाहनों के प्रवेश से रोजाना होनेवाले जाम व उड़ती धूल की परेशानी झेलनी पड़ेगी। गुमला के जोराग से 12 गांव होते हुए 12.8 किलोमीटर की बाईपास सड़क का निर्माण की निविदा अब राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल की बजाए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा निकाली जाएगी। सड़क निर्माण पर 66.89 करोड़ रुपया खर्च होगा। कुछ माह पूर्व एन.एच विभाग द्वारा बाईपास के लिए निविदा निकाली गई थी लेकिन निविदा में मात्र दो कंपनियों ने भाग लिया एवं दोनों कंपनियों को सड़क निर्माण के लिए आवश्यक संसाधनों से युक्त नहीं पाए जाने के कारण निविदा रद कर दी गई। राष्ट्रीय उच्च पथ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दस मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कराया जाना है। इस दौरान बाईपास सड़क की दूरी के अंदर 8 पुल, 33 कल्वर्ट, एक टोल प्लाजा, तीन जंक्शन का निर्माण कराया जाना है। यह भी जानकारी दी गई कि नए सिरे से निकलने वाली निविदा में अभी चार से पांच माह का समय लगेगा एवं निविदा डालने की तिथि भी काफी लंबा होता है। कार्य समाप्त करने की तिथि चालीस माह निर्धारित है। बताया गया कि यदि निविदा डालने वाली कंपनी मापदंडो पर खरी उतरती है तो पूरी प्रकिया एवं बाईपास निर्माण का काम पूरा होने में लगभग पांच वर्ष का समय लगेगा। बताते चलें कि गुमला के लोगों द्वारा शहर में जाम से निजात के लिए लंबे समय से बाईपास निर्माण की मांग की जाती रही है।
रैयतों को किया जा रहा मुआवजा का भुगतान
गुमला : बाईपास निर्माण में 12 गांव के ग्रामीणों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है। भू-अर्जन विभाग द्वारा मुआवजा भुगतान की प्रकिया लगभग अंतिम चरण में है। अब तक 3.5 करोड़ का भुगतान हो चुका है। उपायुक्त गौरी शंकर ¨मज ने बताया कि 12 में से 10 गांव के भू- रैयतों को लगभग अस्सी प्रतिशत मुआवजा राशि का भुगतान हो चुका है। शेष दो गांव अरमई व उर्मी में जमीन का एरिया ज्यादा होने के कारण मुआवजा की राशि बड़ी होने के कारण इसका प्राक्कलन स्वीकृति के लिए आयुक्त को भेजा गया था एवं बहुत जल्द स्वीकृति मिल जाएगी एवं भुगतान की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि तकनीकी कारणों से अब बाईपास निर्माण की निविदा एनएच विभाग की बजाय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा की जाएगी एवं निविदा निकालने के बाद कार्य आरंभ हो जाएगा।