रामनवमी के अवसर पर माता अंजनी के चौखट जुटेंगे भक्त
गुमला : अंजनी पुत्र हनुमान की जन्मस्थली आंजन धाम में शनिवार को हजारों श्रद्धालु माता अंजनी के चौखट प
गुमला : अंजनी पुत्र हनुमान की जन्मस्थली आंजन धाम में शनिवार को हजारों श्रद्धालु माता अंजनी के चौखट पर हाजिरी लगाएंगे। पूजा-अर्चना कर अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए माता अंजनी व पुत्र हनुमान से आर्शिवाद प्राप्त करेंगे। आंजन धाम की अपनी धार्मिक विशेषता यह है कि लोग यहां खींचे चले आते हैं।
गुमला से 18 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित है माता अंजनी का प्राचीन मंदिर। मंदिर में माता अंजनी के गोद में बैठे हनुमान की काफी पुरानी मूर्ति स्थापित है। माता अंजनी जिस गुफा में निवास करती थी उसका प्रवेश द्वार एक विशालकाय चट्टान से बंद पड़ा है। मान्यता के अनुसार कालांतर में आदिवासी समुदाय के लोगों ने माता अंजनी को प्रसन्न करने के लिए गुफा के समक्ष बकरे की बली दी थी एवं इससे अप्रसन्न होकर माता अंजनी ने गुफा का द्वार बंद कर दिया था। गुफा के समीप एक छोटे से दिखने वाले छिद्र के समीप भक्त पूजा-अर्चना करते हैं। गुफा से एक सुरंग पास ही बहनेवाली खटवा नदी तक जाती है जहां माता अंजनी स्नान करती थी। पर आज सुरंग का कोई अस्तित्व नजर नहीं आता है। माता अंजनी के मंदिर के नीचे एक सर्प गुफा है एवं अक्सर वहां रामनवमी के दौरान सांप को देखा जाता है। जनश्रुतियों के अनुसार आंजन में लगभग 360 शिव¨लग व इतनी ही मात्रा में तालाब हुआ करते थे। माता अंजनी रोजाना स्नान कर शिव¨लग की पूजा करती थीं। आंजन में नकटी देवी नामक एक देवी स्थान है। यहां विशेष अवसरों पर सफेद व काले बकरे की बली दी जाती है। आंजन गुफा से सटी एक पहाड़ी है जिसे धमधमिया पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। पहाड़ का आकार बैल की तरह है एवं इसपर चलने पर धमधम की आवाज सुनाई पड़ती है। इस पहाड़ी के नीचे माता अंजनी का कोषागार होने की बात कही जाती है। आंजन धाम में पिछले कई वर्षों से रामनवमी के अवसर पर पूजा-अर्चना, झंडे की स्थापना व मेला का आयोजन किया जाता है। कुछ वर्ष पूर्व स्थानीय लोगों द्वारा पहाड़ी से नीचे एक और मंदिर का निर्माण कराया गया है। यहां भी पूजा-अर्चना व मेला का आयोजन होता है।