रेल बजट से लोगों में बढ़ी उम्मीदें
गुमला : आगामी 26 फरवरी को आने वाले रेल बजट से गुमलावासियों को काफी अपेक्षाएं हैं। अक्सर चुनाव के दौर
गुमला : आगामी 26 फरवरी को आने वाले रेल बजट से गुमलावासियों को काफी अपेक्षाएं हैं। अक्सर चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा गुमला को रेल लाईन से जोड़ने का केवल आश्वासन ही मिलता रहा है। चुनावी मुद्दों में भी गुमला को रेलवे से जोड़ने का जिक्र रहता है। लेकिन अब तक जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नही हुई। बजट को लेकर गुमला के लोगों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं हैं। अधिवक्ता गिद्धवार अघन उरांव कहते हैं गुमला जैसे पिछड़े जगह में रेलवे का होना अत्यंत जरूरी है। लोगों को रेल का सफर करने के लिए राजधानी रांची जाना पड़ता है। जबकि गुमला को रेलवे से जोड़ने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। नेताओं द्वारा भी चुनाव के दौरान केवल आश्वासन दिया जाता है। व्यवसायी रंजीता पोद्दार को आने वाले रेल बजट से काफी उम्मीदें हैं। वे कहती है कि हर बजट में गुमलावासियों को ठगा जाता है। केंद्र में भाजपा की स्थिर सरकार है। स्थानीय सांसद सुदर्शन भगत भी केंद्रीय मंत्री हैं। ऐसे में इस बार की बजट में निश्चित रूप से गुमला को रेलवे से जोड़ने का रास्ता साफ होना चाहिए। गृहिणी विमला देवी कहती हैं कि गुमला में वर्षो से रेलवे की मांग होती रही है। बड़े बड़े नेताओं द्वारा भी आवश्वान दिया जाता रहा है। लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नही हो सकी है। गुमला के पड़ोसी जिला लोहरदगा में रेलवे की सुविधा है। लेकिन गुमला में आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी रेल लाईन नही बिछ पाई है। इस बार की बजट से उन्हें काफी उम्मीदें हैं। नगर पंचायत कार्यालय सहायक पुरुषोत्तम साहु कहते हैं कि गुमला जैसे पिछड़े जिला में रेलवे लाईन की सुविधा मिलने से क्षेत्र का विकास संभव है। लेकिन आजादी के बाद से केवल आश्वासन ही मिल रहा है।