किताबों में सिमटी नैतिक बातें: अनिरूद्ध
घाघरा : संत युद उवि नौडीहा के सभागार में मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस पखवाड़ा उत्सव पर स्वतंत्रता संग्राम मूल्यांकन सह विद्यार्थी प्रेरणा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कल्याणकारी मानव विकास संस्थान के सचिव अनिरूद्ध चौबे ने कहा कि समाज व शिक्षा में नैतिक मूल्यों पर बहस बंद हो चुकी है यही वजह है कि व्यवस्था में हिंसक प्रवृति का उत्तरोत्तर वृद्धि हो रहा है। वर्तमान शिक्षा पद्धति में विद्यार्थियों को सरकारी नौकरी व व्यवसाय के लिए तैयार किया जा रहा है। नैतिक बातें किताबों में सिमट चुकी है। उन्होंने कहा कि हमने पैसा, पद व प्रतिष्ठा के स्तर पर लोगों को सम्मान देना प्रारंभ किया है। इससे आम जन की आत्म सम्मान में कमी हुई है इसका परिणाम है बातों बातों में हिंसा। आज हमने इस विद्यालय के सभागार में अपने से छोटे छात्रों का पैर धोकर सम्मान देने का काम किया है। उपेक्षित कृषक व ग्रामीण परिवेश में पल रहे विद्यार्थियों में आत्म सम्मान के साथ जीने के लिए प्रेरित किया है। कार्यक्रम में चिंतक सुधीर कैथवार ने बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से देश भक्ति गीत, पर्यावरण पर लघु चलचित्र का प्रदर्शन किया। उन्होंने दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं के बाद होनेवाले प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए अभी से एनसीईआरटी की पुस्तकों का गहन अध्ययन करने की बात कही। उन्होंने बाल मन में सपनों को साकार करने के लिए कई दृष्टांत सुनाएं। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 से 1947 तक भरतीय स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित प्रश्नोत्तर किया गया। मौके पर छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में संस्था के कोषाध्यक्ष राजेश पंडित, फा. गेडवर्ड, जोली उरांव, निशिकांत कुमार, फा. विजय टोप्पो, फा. डेविड कुजूर, गणेश साहु, जितेंद्र देवघरिया, प्रमीला तिर्की, नंदकुमार दूबे सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे।