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मानव हित के लिए शूली पर चढे़ प्रभु यीशु

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 11:44 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 11:44 PM (IST)

गुमला : प्रभु यीशु ने मानव हितों के लिए अपने को बलिदान करते हुए शूली पर चढ़ गए। उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करनेवालों को भी उन्होंने क्षमा दान दिया। शुक्रवार को संत पात्रिक महागिरजा में गुड फ्राइडे को लेकर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित विश्वासियों को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अधिष्ठाता बिशप पाल लकड़ा ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु मानव कल्याण के लिए धरती पर अवतरित हुए थे। जन्म से ही उनके जीवन में कई चमत्कारिक व अलौकिक घटनाएं घटित हुई। इसके बावजूद कुछ ही लोग उन्हें पहचान सके। उस दौर में अत्याचार, लोभ, लालच आदि चरम पर था। अपने भक्तों के उद्धार के लिए वे अवतरित हुए। आज ही के दिन उन्हें शूली पर लटकाया गया था। प्रभू यीशु के इस बलिदान से भलाई भी हुई थी। इसलिए इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। उस दौरान मृत्यु दंड शूली पर चढ़ाकर दिया जाता था, जो काफी कष्टकर होता था। प्रभु यीशु ने मानव हित के लिए उस दंड को स्वीकार किया और वे शूली पर चढ़ गए। शूली पर चढ़ाने से पूर्व शूली को ढ़ोना पड़ता था। प्रभु यीशु राजा पिलातुस के दरबार से कलवरी पहाड़ तक क्रूस को ढ़ोकर ले गए, जिसे हम क्रूस का रास्ता कहते हैं। गुड फ्राइडे के दिन भी हम क्रूस का रास्ता में आए चौदह घटनाक्रम को याद करते हैं। कार्यक्रम में फा. सीप्रियन कुल्लू व फा. इरेनियुस द्वारा क्रूस रास्ता के संबंध में विश्वासियों को बताया गया। गुमला में संत पात्रिक महागिरजा के अलावा अन्य सभी गिरजाघरों में गुड फ्राइडे मनाया गया। मौके पर काफी संख्या में ख्रीस्त विश्वासी उपस्थित थे।


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