भक्त होना मानव जाति की उपलब्धि : आचार्य
संवाद सहयोगी, गोड्डा : स्थानीय भतडीहा स्थित नगर भवन में चल रहे आनंदमार्गियों के दो दिवसीय सम्मेलन का
संवाद सहयोगी, गोड्डा : स्थानीय भतडीहा स्थित नगर भवन में चल रहे आनंदमार्गियों के दो दिवसीय सम्मेलन का समापन रविवार को हो गया। अंतिम दिन प्रवचन के दौरान केंद्रीय अध्यक्ष आचार्य ¨कशुक रंजन ने भक्त और भगवान विषय पर प्रकाश डाला। कहा कि भक्त होना मानव जाति की उपलब्धि है। भक्ति पथ नहीं लक्ष्य है। भक्त का जीवन द्विआयामी होता है। अर्थात भक्त साधना और सेवा दोनों को जीवन में चरितार्थ करता है। आनंद मार्ग का उद्देश्य है आत्ममोक्षार्थ जगत हिताय च। व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में आध्यात्मिक सेवा सामानांतर चलना चाहिए। वरिष्ठ आचार्य बीतमोहानंद अवधूत ने कहा कि बाबा नाम केवलम का तात्पर्य परमपिता परमात्मा को बाबा शब्द से पुकारना है। अर्थात बाबा पुकारते समय मन में केवल एक भाव होना चाहिए। यह कीर्तन बाधा बिदुरकम है, साधना सहायकम और मोक्ष मुक्ति दायकम है। बाबा नाम केवलम कीर्तन व्यवहारिक रूप से दोनों हाथ उठाकर भाव के साथ किया जाता है। इसे ललित मार्मिक नृत्य कहा जाता है। वहीं दो दिवसीय बाबा नाम केवलम अखंड हरिनाम संकीर्तन की समाप्ति के बाद जयघोष के साथ आध्यात्मिक रैली निकाली गई। सुबह में योगाभ्यास के दौरान स्वस्थ्य रहने के लिए नियमों के पालन के बारे में बताया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य सुधाकरानंद अवधूत, चिदभाशानंद अवधूत, आनंदानंद अवधूत आदि की भूमिका सराहनीय रही।
यज्ञ की सफलता को कमेटी गठित
संस, मेहरमा : ईशीपुर-बाराहाट स्थित काली मंदिर परिसर में 14 से 22 अप्रैल तक होनेवाले श्री नवकुण्डात्मक श्रीहरिहरात्मक यज्ञ व प्राण प्रतिष्ठा, काली मंदिर, हरिहर मंदिर जीर्णोद्धार एवं प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है। इसके सफल संचालन के लिए रविवार को ईशीपुर काली मंदिर में ग्रामीणों की बैठक हुई जिसमें यज्ञ प्राण प्रतिष्ठा समिति का गठन किया गया। सर्वसम्मति से श्याम लाल को अध्यक्ष, राको राम को उपाध्यक्ष, मुखिया संजय साह को सचिव, बबलू यादव को उपसचिव, जयरंजन कुमार को कोषाध्यक्ष, जगदीश प्रसाद चनानी को उपकोषाध्यक्ष, सजन मंडावेवाला को संरक्षक चुना गया। उप सचिव बबलू यादव ने बताया कि इस अवसर पर अखंड हरिनाम संकीर्तन, रास लीला, प्रवचन एवं भव्य मेले का आयोजन किया गया है। बताया कि सभी कार्यक्रम उत्तर-प्रदेश के अयोध्या के श्री श्री 108 अयोध्या दास शास्त्री के मार्गदर्शन में होना है।