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सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध

बोआरीजोर : बोआरीजोर प्रखंड कार्यालय के समक्ष आदिवासियों ने लीलातारी-1 के बैनर तले विभिन्न मांगो को ल

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 01:00 AM (IST)
सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध
सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध

बोआरीजोर : बोआरीजोर प्रखंड कार्यालय के समक्ष आदिवासियों ने लीलातारी-1 के बैनर तले विभिन्न मांगो को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। मुख्य रूप से बोआरीजोर मध्य के जिला पार्षद बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में झारखंड की मौजूदा आदिवासी विरोधी नीति का विरोध किया गया। जिसमें उन्होंने एसपीटी एक्ट व सीएनटी एक्ट को सरकार द्वारा वापस लेने, वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं 2008 का समुचित लाभ आदिवासी मूलवासी को न देकर अडाणी एवं अन्य कंपनी के लिए जमीन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों को सही समय, सही दाम एवं उचित मात्रा में राशन देना प्रशासन सुनिश्चित नहीं कर रही है। पेशा कानून 1996 को अब तक शक्ति नहीं दी गई। मेरी निशा हांसदा ने कहा कि हुर्रासी प्रोजेक्ट को बंद करने की बात की गई थी। ग्रामीण लीला, हरिपुर, हाहाजोर आदि के ग्रामीण कंपनी को जमीन नहीं देना चाहती है, सरकारी स्कूलों में संथाली भाषा की पढ़ाई सुनिश्चित हो सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, आदि के नाम बीडीओ राजीव कुमार की आवेदन सौंपा। मौके पर जिला पार्षद रामजी साह, सबस्तीन हांसदा, गोपाल मुर्मू, सिमोन मुर्मू, विनय मरांडी, बिलास मुर्मू, आदि दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।


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