वर्षो से तरसती आंखों को मिला सकून
पोड़ैयाहाट (गोड्डा) रघुवर सरकार की मुख्यमंत्री जनसंवाद योजना विपक्षी दलों को भले ही पसंद न आए लेकिन
पोड़ैयाहाट (गोड्डा)
रघुवर सरकार की मुख्यमंत्री जनसंवाद योजना विपक्षी दलों को भले ही पसंद न आए लेकिन एक बूढ़े बाप को करीब 23 साल बाद उसकी बेटी से मिलवा दिया। माता परवा देवी व पिता कोईली भुइयां को कन्यादान का
सौभाग्य तो नहीं मिल पाया लेकिन नातिन को गोद में लेकर दुलार करने का मौका जरूर मिल गया। 23 साल पूर्व चतरा जिला के बिरेनी गांव के रहनेवाले कोइली भुइयां व उसकी पत्नी परवा देवी को भाई की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। कोइली भुइयां को हजारीबाग सेंट्रल जेल और परवा देवी को भागलपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। दोनों पति-पत्नी के बिछड़ने के समय उनकी गोद में डेढ़ साल की नन्ही सोनी थी।
वह मां के साथ सेंट्रल जेल भागलपुर पहुंच गई। जेल नियम के तहत 2005 में सोनी को अपनी मां से अलग होना पड़ा और उसे कैथोलिक चर्च मिशन कान्वेंट अनाथालय भागलपुर भेज दिया गया। एक-दो बार उसको जेल में लाकर मां से मिलाया भी गया। इधर, कैथोलिक चर्च मिशन कॉन्वेंट अनाथालय में सोनी ने अपनी जीवन की नई शुरुआत की। इसी दौरान वहीं काम करनेवाले पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र के मटिहानी गांव के रहनेवाले गणेश मुर्मू से प्यार हो गया। दोनों ने 2010 में शादी कर ली लेकिन उम्र कम होने के कारण सोनी को गणेश मुर्मू से अलग होना पड़ा और उसे देवघर महिला संप्रेषण गृह भेज दिया गया। 18 साल पूरा होने के बाद गणेश मुर्मू अपने पिता बाबूलाल मुर्मू के साथ देवघर महिला संप्रेषण गृह से सोनी को बतौर पत्नी विदा कर अपने घर लाया। आज सोनी को एक बेटी भी है। इधर, 2011 में सोनी के मां-बाप रिहा होने के बाद उसकी खोजबीन करते रहे। जब वह नहीं मिली तो उन्होंने मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम में गुहार लगाई। तब जाकर प्रशासन जागा और सोनी कुमारी की खोज शुरू हुई। इस क्रम में पता चला कि सोनी अपनी ससुराल मटिहानी गांव में है। सोमवार को दोनों पति-पत्नी सभी कागजात के साथ पोड़ैयाहाट थाना पहुंचे। सहायक अवर निरीक्षक सहदेव प्रसाद ने दोनों को पुलिस गाड़ी से मटिहानी गांव पहुंचाया। 23 साल बाद पिता अपनी पुत्री से गले लगकर रो रहे थे। दृश्य काफी भावुक था। सभी की आंखों में आंसू थे। मटिहानी गांव के सभी महिला एवं पुरुष इस दृश्य को देख कर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।