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ईसीएल खदान से डीजल चोरी का प्रयास विफल

संस, ललमटिया : गुरुवार की अहले सुबह तीन बजे राजमहल परियोजना के खदान क्षेत्र में बेखौफ चोरों के डंपर

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 01:14 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 01:14 AM (IST)
ईसीएल खदान से डीजल चोरी का प्रयास विफल

संस, ललमटिया : गुरुवार की अहले सुबह तीन बजे राजमहल परियोजना के खदान क्षेत्र में बेखौफ चोरों के डंपर से डीजल निकालने का एक मामला प्रकाश में आया है। रात में परियोजना के डीप माइंस एरिया में डंपर संख्या पीटी-330 से निकाले जा रहे डीजल के प्रयास उस समय विफल हो गया जब एक अन्य गिरोह से आपस में कहा सूनी हो गयी। मामले में एक बोलेरो पीक अप वाहन समेत 9 गैलन डीजल बरामद किया गया है। हालांकि मामले को लेकर अब तक परियोजना अधिकारी प्राथमिकी तैयार करने में ही जुटे है। सीआइएसएफ ने जब्त वाहन और गैलन को ललमटिया पुलिस थाना के हवाले कर दिया है। परियोजना के लोग इसे सीआइएसएफ को जिम्मेदार बता रहें है, वहीं सुरक्षा कार्य में लगी सीआइएसएफ अधिकारी प्रबंधन को सुरक्षा में दिए जा रहे ढील को इसका कारण बता रही है।

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मिली जानकारी के अनुसार डीजल चोरी का यह सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है, जिसमें परियोजना के अधिकारी व सीआइएसएफ की भी संलिप्तता बतायी जाती है। यही कारण है कि रात में बोलेरो पीक अप संख्या जेएच 17 एफ 7971 खान क्षेत्र के सबसे गहरे क्षेत्र में जाकर पूरी गाड़ी की क्षमता से भर कर डीजल निकासी का कारोबार कर रही थी। बहरहाल प्रबंधन इस मामले पर कोई कुछ भी बोलने से कतरा रहा है।

खदान की सुरक्षा नाकाफी : सुरक्षा में सीआइएसएफ की बात करें तो ये अपनी सुरक्षा में कोई चुक नहीं बता कर खदान क्षेत्र में परियोजना द्वारा कई सुरक्षा चूक को जिम्मेदार बता रही है। मेन गेट से महागामा जाने के रास्ते को पूरी तरह खुला छोड़ने के साथ साथ भोड़ाय क्षेत्र, सीमड़ा क्षेत्र से कोई भी वाहन खदान में प्रवेश कर सकती है। ऐसे में सीआइएसएफ कई बार प्रबंधन को इस ओर ध्यान दिलाया है, बावजूद इस ओर उनका ध्यान नहीं दिया जाना पूरे मामले में संदेह पैदा करता है।

लंबे समय से चल रहा धंधा : डीजल चोरी का धंधा खदान क्षेत्र में लम्बे समय से चल रहा है, पर इस कारोबार में अब इस प्रकार के लोग एवं एवं गिरोह संलिप्त हो चुके है कि कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आना दिया जा रहा है। सूत्र बताते है कि इस कार्य में परियोजना कर्मी, सीआइएसएफ सहित तमाम सुरक्षा एजेंसी की भूमिका है। बहरहाल चोरी के इस कारोबार को रोकने के लिए कोई भी कारगर प्रयास नहीं शुरू हुआ है।


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