प्राथमिक उपचार के नाम पर केवल थर्मामीटर
संवाद सूत्र, पथरगामा : शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों के हित में कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
संवाद सूत्र, पथरगामा : शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों के हित में कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। लेकिन हैरत की बात है कि प्रखंड के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों को फर्स्ट एड बॉक्स की कोई व्यवस्था नहीं है। नतीजतन विद्यालय में छात्र-छात्राओं को मामूली चोट लगने पर भी प्राथमिक उपचार नहीं हो पाता। इसके लिए उन्हें पास के सरकारी अस्पताल में जाना पड़ता है।
2009 में पहली बार फर्स्ट एड बाक्स रखने की सुविधा स्कूलों को मिली थी। इसके बाद से विभाग की ओर से इस दिशा में प्रयास नहीं किया गया। विद्यालय में खेलकूद के दौरान बच्चों को चोट लगना स्वभाविक है। फर्स्ट बाक्स नहीं रहने पर बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रखंड के शिक्षक विश्वनाथ साह, दिवाकर, राजेश कुमार, जगदीश यादव ने बताया कि छह वर्ष के दौरान केवल एक बार ही फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था स्कूलों में की गयी थी। फर्स्ट एड के नाम पर अब केवल स्कूल में थर्मामीटर ही बचा हुआ है, जबकि अन्य दवाइयों एक्सपायर कर गयी हैं या फिर वे समाप्त हो गयी हैं। ऐसे में छोटी मोटी चोटों के लिए भी स्कूल में शिक्षकों के पास कोई उपाय नहीं बचता।
इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डॉ. पीएन दर्बे ने बताया कि फर्स्ट एड की सूची 2009 में शिक्षा विभाग की ओर से मिली थी। सारी कार्रवाई जिला स्तर से ही किया गया था। इसके बाद से इस संबंध में अब तक कोई आदेश नहीं आया है।