पुलिस व ग्रामीणों में भिड़ंत, डेढ़ दर्जन चोटिल
दुमका/काठीकुंड : काठीकुंड थाना क्षेत्र के मंझला सरूवापानी गांव के निवासी व पाकुड़ के तत्कालीन एसपी स्व. अमरजीत बलिहार हत्याकांड के दो वारंटियों को पकड़ने गई पुलिस की टीम को ग्रामीण व महिलाओं का जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। बताया जाता है कि दोनों वारंटियों के नहीं मिलने पर पुलिस ने कथित तौर पर सालखन मुर्मू (57) और रूबिन किस्कू को हिरासत में ले लिया। दोनों को हिरासत में लिए जाने पर ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और पुलिस दल का घेराव कर दिया। घेराव कर रही महिलाओं का कहना था कि हिरासत में लिए गए दोनों लोग निर्दोष हैं। दोनों पर वारंट भी नहीं है। फिर उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया। इसपर भी जब पुलिस अपने रूख पर जब अड़ी रही तो महिलाओं समेत काफी संख्या में ग्रामीणों ने बड़ा सरूआपानी हटिया के पास रोक कर दोनों को बेकसूर बताते हुए छोड़ने की मांग पर अड़ गए। उग्र महिलाओं ने पुलिस दल पर हमला बोल दिया। इस दौरान हुए पथराव में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई है। पुलिस की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त कर दी गई। उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने बीस राउंड हवाई फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पांच महिलाएं भी जख्मी हुई हैं।
इस घटना के विरोध में बड़ा सरुआपानी, मंझला सरुआपानी, कुलकांट, बूढ़ी डंगाल, अंबाजोड़ा गांव की दर्जनों महिलाएं एकजुट होकर काठीकुंड के चांदनी चौक के समीप दुमका-पाकुड़ मुख्य पथ जाम कर दिया। तकरीबन दो घंटे की जाम के बाद काठीकुंड के पुलिस निरीक्षक विष्णु चौधरी, थाना प्रभारी नयनसुख दादेल के समझाने-बुझाने पर महिलाओं ने जाम हटा लीं। महिलाओं को यह आश्वस्त करने की कोशिश की गई है कि अगर दोनों निर्दोष होंगे तो उन्हें पूछताछ करने के बाद छोड़ा जा सकता है। यह तभी संभव है जब पुलिस के वरीय अधिकारी उनसे पूछताछ करेंगे। फिलहाल धरे गए दोनों ग्रामीणों के साथ चार महिलाओं को दुमका लाया गया जहां एसपी अनूप टी. मैथ्यू ने पूछताछ के बाद इन्हें सशर्त छोड़ दिया है। घायल बिटी हांसदा, गणपति देवी, पानवती मुर्मू, रुखिया देवी और ललिता देवी घटना के बाद काठीकुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंची। घायल जवानों में हवलदार राजेश कुमार पासवान, मंगल भगत, मनोरथ शर्मा, महेन्द्र रविदास, राजेश कुमार महतो, राकेश कुमार सिंह, अमरजीत कुमार, सत्येंद्र मेहरा, कुश कुमार सिंह, जान चंद्रा सोरेन, रामेश्वर महतो शामिल हैं।
दुमका के एसपी अनूप टी. मैथ्यू ने कहा कि दो संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और इन्हें पूछताछ के बाद सशर्त छोड़ दिया गया है। इन्हें छोड़ने की शर्त यह है कि इन्हें जरूरत पड़ने पर कभी भी थाने में आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि झड़प के दौरान ग्रामीणों की ओर से फायरिंग की गई। पुलिस ने बचाव में 20 राउंड हवाई फायरिंग की है। सरुवापानी गांव के कुछ लोग नक्सली संगठन के दस्ते में और कुछ दस्ता से बाहर भी काम करते हैं। उन्होंने ग्रामीणों से कानून हाथ में नहीं लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस मामले में सात-आठ ग्रामीण को नामजद व कुछ अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।