अब बर्बाद नहीं होगा खदान का गंदा पानी
ललमटिया:
राजमहल परियोजना ने ललमटिया कोलियरी से निकलने वाले पानी के उचित प्रबंधन की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। खदान से निकलने वाले हजारों गैलन पानी का प्रबंधन नहीं होने से क्षेत्र के भूगर्भ जल स्तर में लगातार कमी आ रही थी। हाल के दिनों में परियोजना ने भादो टोला में बेकार बहने वाले पानी को पोखर में संचित करने के अलावा इसके अन्य प्रकार से प्रयोग के लिए कार्य प्रारंभ किया है। इस कड़ी में परियोजना की प्रेशर फिल्टर योजना अहम साबित हो सकती है। हालांकि अभी योजना की स्वीकृति मिलना बाकी है। ललमटिया के पुनर्वास क्षेत्र में पानी के लिए हर साल लाखों रूपये खर्च करने के बावजूद इस क्षेत्र में पानी की स्थायी व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण एक बड़ी आबादी को हर साल भारी पानी संकट का सामना करना पड़ता है। ज्ञात हो कि ललमटिया में अब तक विस्थापितों के लिए भोड़ाय लोहार टोला, भादो टोला, संथाल टोला के अलावा स्थानीय प्रभावित निमाकला, हिजूकित्ता, डकैता आदि गांव बसाए गए हैं। योजना बीच में ठप नहीं हुई तो क्षेत्र की हजारों की आबादी को पानी मिल पाएगा। साथ ही परियोजना भी काफी लाभान्वित होगी। इधर परियोजना ने इस क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के साथ साथ प्रेशर फिल्टर के लिए मुख्यालय स्तर से स्वीकृति प्राप्त कर ली है। आशा है कि जल्द ही इस योजना पर कार्य प्रारंभ हो जाएगा।