दूषित तालाब में लगाई आस्था की डुबकी
संवाद सूत्र, बंसतराय : साम्प्रदायिक सौहार्द का अद्भूत संगम है बसंतराय तालाब। जहां सोमवार को हजारों की संख्या में साफा होड़ व अन्य श्रद्धालुओं ने पान-सुपाड़ी-बताशा के साथ डुबकी लगायी और मन्नतें मांगी। अहले सुबह से ही दूर-दूर से आकर डेरा जमाए साफा होड़ श्रद्धालुओं ने कासा लोटा के साथ डुबकी लगाना शुरू किया। यह सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहा। इस दौरान उन्होंने अपने गुरू रामबाबा के साथ पूजा-अर्चना की और मन्नतें मांगी। पूर्णिया व कटिहार से आए श्रद्घालुओं में रामजी सोरेन ने बताया कि बसंतराय तालाब में डुबकी लगाने से जहां मन्नतें पूरी होती हैं वहीं चर्मरोगों से भी मुक्ति मिलती है।
जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने नहीं करायी तालाब की सफाई : ऐतिहासिक बसंतराय तालाब को प्रदूषण मुक्त बनाने में जिला प्रशासन व जन प्रतिनिधियों की उदासीन रवैया के कारण इस बार भी हजारों श्रद्धालुओं को प्रदूषित पानी में ही डुबकी लगाना पड़ा। जबकि मेला से जिला प्रशासन को मोटी राजस्व की आमदनी होती है। बावजूद इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है।
पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं : हजारों की भीड़ में लोगों को पेयजल की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है। तालाब के चारों ओर लगे मेला में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। जबकि दो मात्र चापाकल से ही प्यास बुझानी पड़ रही है। हालांकि मोकलचक घाम द्वारा पेयजल की व्यवस्था की गयी थी जो उंट के मुंह में जीरा साबित हुआ।