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शव पहचानने से इन्कार कर देते परिजन

बनियाडीह (गिरिडीह) : गिरिडीह परियोजना क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन होना कोई नयी बात नहीं है। यहां व

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 07:42 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 07:42 PM (IST)
शव पहचानने से इन्कार कर देते परिजन
शव पहचानने से इन्कार कर देते परिजन

बनियाडीह (गिरिडीह) : गिरिडीह परियोजना क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन होना कोई नयी बात नहीं है। यहां वर्षों से अवैध कोयला उत्खनन का धंधा चल रहा है। इस धंधे में अधिकांश बेरोजगार मजदूर जुड़े हैँ लेकिन अवैध कोयला उत्खनन के दौरान कई मजदूरों की मौत तक हो जाती है। ऐसा एक मामला बीते दिनों कबरीबाद सीसीएल माइंस में सामने आया जिसमें अवैध कोयला उत्खनन के दौरान एक युवक की मौत हो गई । मौत के बाद उसके परिजन यह भी बता नहीं पा रहे हैं कि उनका लाड़ला अब इस दुनिया में नहीं रहा। कारण यदि वे ऐसा करते हैं तो उनके मृत बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा। वैसे यह पहला मौका नहीं है। इस तरह के हादसे यहां बराबर होते रहते हैं। परिवार के साथ साथ प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन भी इसे लेकर चुप्पी साध लेता है। स्थानीय युवक अपने और अपने परिवार के पेट की भूख मिटाने की खातिर सुबह हो या अंधेरी रात, सौ मीटर नीचे गहरी कोयला खदान में उतरकर वहां बने खतरनाक अवैध सुरंग में घुस जाते हैं और टॉर्च या डिबिया के सहारे कोयले का खनन करते हैं। जरा सी चूक होने पर उसकी जान तक चली जाती है। सुरंग से कोयला की बोरी को अपनी पीठ पर लादकर वे बाहर निकलते हैं और वहां से पुन: बोरी को पीठ के सहारे माइंस से सौ मीटर ऊपर उठाते हैं। उसे साइकिल या मोटरसाइकिल वालों के पास बेचकर चंद रुपये लेकर अपने घर चले जाते हैं। ऐसे मजदूर अपने जीवन में केवल पेट पालने के सिवाय कुछ नहीं कर पाते हैं। अवैध कोयला खनन कर न ही वे अच्छा मकान बना पाते हैं और न ही अच्छी ¨जदगी की शुरूआत कर पाते हैं। इसमें में अधिकांश युवक पढ़े लिखे होते हैं।

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दो गज कफन भी नसीब नहीं होता

अवैध कोयला खनन के दौरान जब भी किसी मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में मृतक के शव को दो गज कफन भी नसीब नहीं होता है। परिजन भी मुकदमा के भय से उन्हें पहचानने से इन्कार कर देते हैं। घटना के बाद आनन फानन में लोग शव को छिपाने में लग जाते हैं। उसे लोग दफनाते नहीं जला देते हैं ताकि उसकी पहचान न हो सके।

पुलिस व प्रबंधन भी नहीं चाहती कि घटना उजागर हो : घटना के बाद बेबस पुलिस प्रशासन एवं सीसीएल प्रबंधन भी चुप्पी साध लेता है। वह चाहता नहीं कि मामला उजागर हो जाए।


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