नक्सल उन्मूलन व विकास सर्वोच्च प्राथमिकता
गिरिडीह : भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी जि
गिरिडीह : भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने जिले के विजन डॉक्यूमेंट या रेजोल्यूशन डॉक्यूमेंट तैयार करें कि वर्ष 2022 तक आप अपने जिले को कहां देखना चाहते हैं? प्रधानमंत्री के दिए इस टास्क पर हमने गिरिडीह के डीसी उमाशंकर ¨सह से बातचीत कर जानने की कोशिश की है कि क्या होगा, उनका पांच साल का रोडमैप। पांच साल में वे गिरिडीह को कहां देखना चाहते हैं। प्रस्तुत है उनके साथ बातचीत के प्रमुख अंश :
सवाल : क्या है प्रधानमंत्री का टास्क?
जवाब : 9 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था। पांच साल बाद 15 अगस्त 1947 में भारत आजाद हो गया था। प्रधानमंत्री ने उसी तर्ज पर पांच साल में नये भारत निर्माण का संकल्प लिया है। इस संदर्भ में सभी जिला कलेक्टरों को प्रधानमंत्री ने पांच साल के लिए टास्क दिए हैं। विजन डॉक्यूमेंट व रोडमैप बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जिलों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा हो, ताकि गिरिडीह जैसे जिले भी देश के समृद्ध जिले के समकक्ष आ सके। प्रधानमंत्री ने बताया है कि अधिकारियों को कभी भी अपनी पोस्टिंग को टफ, छोटी व पनिशमेंट की श्रेणी में नहीं देखना चाहिए। टफ पोस्टिंग हो तो यह मानना चाहिए कि आपको जीवन में गरीबों की सेवा करने का अवसर मिला है। संकल्प से सिद्धि की ओर। करेंगे या करके रहेंगे, का नारा प्रधानमंत्री ने दिया है। प्रधानमंत्री के नारे को जमीन पर उतारने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।
सवाल : विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए क्या करेंगे?
जवाब : प्रधानमंत्री का टॉस्क मिलते ही काम शुरू कर दिया गया है। डीडीसी किरण कुमारी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने पर चर्चा की गई। विजन डॉक्यूमेंट या रेजोल्यूशन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए आइएमए व अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञों से मदद ली जाएगी। समाज के सभी सेक्टर के लोगों से बैठकर उनकी समस्याओं को जानेंगे और उसे दूर करने की योजना बनाएंगे।
सवाल : पांच साल में आप गिरिडीह को कहां देखना चाहते हैं?
जवाब : गिरिडीह पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो। पूरा क्षेत्र मुख्यधारा में शामिल हो। विकास की गंगा बहे। यह कार्य हम हर हाल में करेंगे। इस रोडमैप पर भविष्य में उनके स्थान पर आने वाले कलेक्टर को भी काम करना होगा। गिरिडीह को बिजली संकट से मुक्ति दिलाना प्राथमिकता होगी। बिजली संकट दूर किए बिना आप विकास की बात सोच नहीं सकते। बिजली उत्पादन बढ़ाने एवं वितरण व्यवस्था दुरूस्त करने पर काम करेंगे। पूरे गिरिडीह को रेलवे से जोड़ना चाहते हैं। कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन पर काम हो चुका है। लेकिन इस पांच साल में मधुबन-गिरिडीह को रेल लाइन से जोड़ना है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आधारभूत संरचना को चरणबद्ध तरीके से मजबूत करेंगे। सड़क, पुल-पुलिया का निर्माण पूरी प्राथमिकता से हो। सेवा क्षेत्र में काफी काम हुआ है। शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा और मजबूत करेंगे। कुपोषण की समस्या से मुक्ति दिलाएंगे।
सवाल : गिरिडीह में हवाई सेवा शुरू करने की कोई योजना है?
जवाब : सरकार सभी बड़े जिलों में हवाई पट्टी व स्थानीय हवाई सेवा शुरू करना चाहती है। इस पर काम शुरू हो गया है। सेकेंड फेज में गिरिडीह में हवाई सेवा शुरू होगी। इसके लिए हवाई अड्डे का विस्तार किया जाएगा। हवाई अड्डे को विकसित किया जाएगा। हवाई अड्डे के लिए 20 से 22 एकड़ अतिरिक्त जमीन ली जाएगी। कुछ जमीन गैर मजरुआ है तो कुछ जमीन सरकार अधिग्रहण करेगी। इस पर काम भी शुरू हो गया है। अपर समाहर्ता समेत अन्य अधिकारियों के साथ उन्होंने इसकी समीक्षा की है। हवाई सेवा शुरू होने से गिरिडीह का विकास तेजी से होगा। बड़ी कंपनियां यहां आएगी।
सवाल : सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए क्या होगी योजना?
जवाब : सांप्रदायिक दंगे गिरिडीह के लिए धब्बा है। सभ्य समाज में दंगों के लिए कोई जगह नहीं है। प्रशासन सख्ती से इससे निपटता रहा है। जिसका नतीजा है कि कोई बड़ा दंगा यहां नहीं हुआ है। लेकिन यह काम अकेले प्रशासन का नहीं है। समाज के प्रबुद्ध लोगों व जनप्रतिनिधियों को इसके लिए आगे आना होगा। कहीं कोई विवाद होता है तो इसका निपटारा पंचायत स्तर पर ही सामाजिक बैठकों में हो जाना चाहिए। इसके लिए हम आने वाले समय में माहौल बनाने का काम करेंगे।
प्रस्तुती : दिलीप सिन्हा