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पशुधन भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर

गिरिडीह : जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखंड के निर्देश पर रविवार को भंडारीडीह स्थित जिला पशुपालन कार्य

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Jun 2017 05:45 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jun 2017 05:45 PM (IST)
पशुधन भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर
पशुधन भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर

गिरिडीह : जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, झारखंड के निर्देश पर रविवार को भंडारीडीह स्थित जिला पशुपालन कार्यालय से पशु कल्याण जागरूकता रथ निकाला गया, जिसे स्थानीय विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ पूरे जिला में भ्रमण कर लोगों को गो हत्या प्रतिषेध अधिनियम, पशु परिवहन कानून, आक्सीटोसिन इंजेक्शन के घातक प्रभाव, पालीथिन के उपयोग का दुष्प्रभाव, पशु क्रूरता आदि के बारे में जानकारी देगा।

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मौके पर विधायक शाहाबादी ने कहा कि सरकार की यह पहल बहुत ही सराहनीय कार्य है। इस रथ के माध्यम से लोगों को पशु क्रूरता अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। कहा कि पशुधन भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है। पुरातनकाल में धन और वैभव का आकलन पशु से ही किया जाता था। भारतीय कृषि व्यवस्था इसी पर निर्भर थी। इसलिए गो पालन हर तरह से लाभदायक माना गया है। इसके दूध, मूत्र, गोबर आदि सभी चीजें हमारे जीवन के लिए लाभदायक है। इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि हमारे देश में गो को माता का दर्जा प्राप्त है। मौके पर जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. महेश्वर तिवारी, विभाग के कर्मी शंकर पांडेय, डा. रामाश्रय शर्मा, पशु क्रूरता निवारण समिति के सदस्य किरण माला, भाजपा के नगर मीडिया प्रभारी दीपक स्वर्णकार, नगर महामंत्री हब्लू गुप्ता, विजय ¨सह, बढ़न वर्मा, अनूप सिन्हा, संत कुमार लल्लू, प्रकाश दास, दीपक शर्मा आदि उपस्थित थे।


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