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यहां एक क्लिक में मिलती एमडीएम की जानकारी

गिरिडीह : सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का नियमित संचालन और गड़बड़ियों को रोकने के लिए राज

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Jun 2017 11:36 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jun 2017 11:36 PM (IST)
यहां एक क्लिक में मिलती एमडीएम की जानकारी

गिरिडीह : सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का नियमित संचालन और गड़बड़ियों को रोकने के लिए राज्य स्तर पर कई पहल की जा रही हैं, जिसके तहत प्रतिदिन एसएमएस के जरिए शिक्षकों को इससे संबंधित जानकारी देनी पड़ती है, लेकिन गिरिडीह जिला इस मामले में एक कदम और आगे है। यहां इसकी ऑनलाइन मॉनिट¨रग की जा रही है। विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों के बीच क्या परोसा गया, उन्हें मेनू के अनुसार भोजन मिला या नहीं, भोजन की गुणवत्ता कैसी है ये सारी जानकारी जिला प्रशासन से लेकर विभागीय पदाधिकारियों को एक क्लिक में कंप्यूटर पर बैठे-बैठे मिल जाती है। बात चाहे जिला मुख्यालय व आसपास के स्कूलों की हो या फिर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों की। हर स्कूल प्रशासन के रडार पर रहता है। गिरिडीह पूरे देश में पहला जिला है, जहां एमडीएम की इस तरह ऑनलाइन मॉनिट¨रग की जा रही है। दरअसल, उपायुक्त उमाशंकर ¨सह ने सरकारी स्कूलों की मॉनिट¨रग के लिए दिशा एप की शुरुआत की है। इसी से मध्याह्न भोजन योजना को भी जोड़ा गया है।

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दिशा एप से जुड़े हैं डेढ़ हजार से अधिक स्कूल : दिशा एप से अब तक जिले के डेढ़ हजार से अधिक स्कूल जुड़ चुके हैं। इन स्कूलों के शिक्षक मोबाइल के जरिए प्रतिदिन एमडीएम से संबंधित जानकारी, तस्वीर आदि दिशा के सर्वर पर भेजते हैं। इसमें हर दिन के रियल टाइम में भोजन बनाते, बच्चों के भोजन करते हुए आदि से संबंधित जीवंत तस्वीरें भी होती हैं। एपीओ अभिनव सिन्हा ने बताया कि इससे स्कूलों में एमडीएम से संबंधित वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल जाती है। शिक्षक या समिति के लोग चाहकर भी कोई जानकारी नहीं छिपा सकते हैं। गिरिडीह देश का पहला जिला है, जहां एमडीएम की ऑनलाइन मॉनिट¨रग के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है।

समस्याओं का होता तुरंत समाधान :

शिक्षक एमडीएम से संबंधित समस्याओं के बारे में भी दिशा एप पर भेजते हैं। राशि व चावल का अभाव, विवाद आदि की जानकारी इस पर देते हैं। इसके पूर्व शिक्षक समस्याओं या कमियों की लिखित शिकायत करते थे, जिससे समस्याओं के समाधान में कई दिन लग जाते थे, लेकिन अब इन समस्याओं का 24 घंटे के अंदर समाधान करने का प्रावधान किया गया है, ताकि किसी भी स्थिति में मध्याह्न भोजन का संचालन बंद नहीं हो सके।

ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों पर नजर रखना हुआ आसान :

जिले में सैकड़ों स्कूल सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित हैं। वैसे स्कूलों की मॉनिट¨रग करना काफी मुश्किल था। विभागीय पदाधिकारी और कर्मी यदाकदा ही ऐसे स्कूलों का भ्रमण कर पाते हैं। इस कारण उन स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी भी चरम पर होती थी, लेकिन दिशा एप शुरू होने के बाद वैसे स्कूलों पर नजर रखना आसान हो गया है। कंट्रोल रूम में बैठे-बैठे वैसे स्कूलों की जानकारी ली जा सकती है। इससे शिक्षकों की मनमानी और स्कूलों में होने वाली गड़बड़ियों पर काफी हद तक विराम लगा है।

वर्जन

- दिशा एप से प्रतिदिन 750 से अधिक विद्यालयों के एमडीएम कार्यक्रम की मॉनिट¨रग की जा रही है। इससे प्राप्त आंकड़ों के आधार पर एमडीएम कार्यक्रम को और उन्नत बनाना संभव हो पाएगा। शिक्षकों का इसमें काफी सहयोग मिल रहा है।

उमाशंकर ¨सह, उपायुक्त


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