हत्या के दो मामले में पिता-पुत्र समेत तीन को उम्रकैद
गिरिडीह : गिरिडीह की अदालत ने सोमवार को हत्या के दो अलग-अलग मामले में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को आ
गिरिडीह : गिरिडीह की अदालत ने सोमवार को हत्या के दो अलग-अलग मामले में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जिला जज वन प्रदीप कुमार चौबे की अदालत ने जमुआ थाना क्षेत्र के मिरजागंज निवासी सूरज साव की हत्या के मामले में दोषी पाए गए महेंद्र साव एवं उसके पुत्र पवन साव को सजा सुनाई। दोनों को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास व दस- दस हजार रुपये का जुर्माना करने का आदेश दिया तथा जहर खिलाने के आरोप में छह साल की सजा तथा पांच-पांच हजार रुपया जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। दोनों सजा साथ साथ चलेगा।
महज चार हजार के लिए हुई थी हत्या: इस कांड के सूचक कुसुम देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 17 जनवरी 2008 की शाम आठ बजे पवन साव उसके घर आया और उसके पुत्र सूरज साव को बुलाकर अपने घर ले गया। बेटा के नहीं लौटाने पर वह पवन के घर गयी तो देखी वह छटपटा रहा है। पूछने पर पुत्र ने बताया कि पवन साव और महेन्द्र साव ने उसे मारा और मुंह में जहर जैसा कुछ डाल दिया।
इलाज के लिए जमुआ ले जाने पर उसकी मौत हो गयी। घटना का कारण कमेटी का मासिक खेल सभी मिलकर खेलते थे। जिसमें चार हजार रुपया बकाया था। पैसा मांगने पर लड़ाई झगड़ा करता था। इसी कारण दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।
-एफएसएल रिपोर्ट बना आधार
हत्या के इस मामले में अभियोजन की और से बाहर गवाहों का परीक्षण कराया गया। जिसमे चश्मदीद सूचक मृतक की मां, चिकित्सक डा एसबी चौधरी, डा कामेश्वर प्रसाद और राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के डिप्टी डायरेक्टर रामाशंकर ¨सह का गवाही शामिल था। मृतक सूरज साव के विसरा रिपोर्ट में यह स्पष्ट पाया गया कि उसकी मौत जहर से हुई । मृत्युपूर्व बयान, चश्मदीद और चिकित्सक की पुष्टि ने इस मामले को सही साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
-75 फीसदी राशि पीड़ित को
सजा की ¨बदु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता तुलसी पांडेय ने कम सजा देने की अपील की, वहीं अभियोजन ने कड़ी सजा की मांग की। न्यायालय द्वारा दोनों सजायाफ्ता पर लगाया जुर्माना राशि का 75 फीसदी मृतक सूरज साव की मां कुसुम देवी को डीएलएसए के माध्यम से भुगतान करने का आदेश दिया है।
-कड़ी सुरक्षा में आया बंदी
सजा की ¨बदु पर सुनवाई के लिए दोनों दोषी बंदियों को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में पेश किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में उसके घरवाले मौजूद थे।
------------------------
राजेन्द्र हत्याकांड में सुरेंद्र को आजीवन कारावास
जिला जज आठ विनोद कुमार ¨सह की अदालत ने सत्रवाद संख्या 220 /04 के अभियुक्त सुरेंद्र रविदास को सरिया के राजेंद्र रविदास की हत्या के जुर्म में दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही पांच हजार रुपया अर्थदंड अदा करने का आदेश दिया। इस कांड में तीन को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इसमें कुंजबिहारी दास और महादेव दास की मृत्यु वाद सुनाई के दौरान हो चुकी है।
- मुकदमा नहीं उठाया तो कर दी हत्या
इस कांड के सूचक राजू रविदास ने प्राथमिकी में बताया कि घटना के दिन वह अपने भाई राजेंद्र रविदास के साथ घर के बगल हरदी नदी शौच के लिए जा रहा था। वह रास्ते में रूक गया। उसका भाई राजेंद्र नहीं गया तो वहां घात लगाकर बैठे सुरेंद्र रविदास, कुंजलाल और महादेव ने टांगी, डंडा से पीटकर हत्या कर दी। हल्ला पर गए तो उसके भी हत्या के नीयत से दौड़ाया। वह ग्रामीणों के साथ पुन: गया तो देखा कि उसके भाई का शव को बालू में आधा गाड़ा गया है। घटना का कारण पूर्व में तीनों के खिलाफ राजेंद्र ने मुकदमा किया था। जिसे सभी उठाने के लिए दबाव दे रहा था।
-भेजा गया जेल
सजा की ¨बदु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता पारसनाथ साव ने न्यूनतम सजा देने की मांग की। सजायाफ्ता को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया।