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विपक्ष की भाषा नहीं बोलें, सीएनटी पर नहीं झुकेंगे : रघुवर

मधुबन(गिरिडीह) : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के मसले पर भाजपा में ही तकरार है। पूर्व मुख्यमंत्री अ

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 May 2017 01:02 AM (IST)Updated: Mon, 15 May 2017 01:02 AM (IST)
विपक्ष की भाषा नहीं बोलें, सीएनटी पर नहीं झुकेंगे : रघुवर

मधुबन(गिरिडीह) : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के मसले पर भाजपा में ही तकरार है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने संशोधन वापसी के लिए दबाव बनाया तो मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुंडा का नाम लिए बिना दो टूक शब्दों में कहा कि विपक्ष की भाषा नहीं बोलें, इससे पार्टी का जनाधार नहीं बढ़ेगा। सीएनटी-एसपीटी में संशोधन पर वे हरगिज नहीं झुकेंगे। उन्होंने रामायण की चौपाई सुनाई -रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। मुख्यमंत्री रविवार को मधुबन में भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। शिविर में यहां सूबे के 137 कार्यकर्ताओं को पूर्णकालिक बनाने को प्रशिक्षण दिया गया।

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इससे पहले बंद कमरे में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि विपक्ष को मुद्दा चाहिए। इस कारण वह स्थानीय नीति और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध कर रहा है। भाजपा नेताओं को विपक्ष के मुद्दे में नहीं फंसना चाहिए। पार्टी और सरकार किसी एक इंसान की सनक पर नहीं चलती है। एक्ट में संशोधन के पहले सभी स्तर पर विचार-विमर्श किया गया था। कोर कमेटी में दो बार चर्चा की गयी। आदिवासी मोर्चा, विधायकों और टीएसी में चर्चा हुई। सभी दलों के नेता मौजूद थे। यहां निर्णय लिया गया था कि रैयतों के हित में संशोधन किया जाए। कार्यकर्ताओं को उन्होंने एक्ट में संशोधन की जानकारी दी। बताया कि कोई आदिवासी- दलित अपनी जमीन पर स्वरोजगार के लिए भवन बना सकता है लेकिन जमीन बेच नहीं सकता है। क्या यह गलत है? आदिवासियों व दलितों का विकास उनका लक्ष्य है और इससे वे पीछे नहीं हटेंगे। देश भर में सबसे बढि़या स्थानीय नीति झारखंड की है।

मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. र¨वद्र कुमार राय, गिरिडीह के सांसद र¨वद्र कुमार पांडेय, विधायक निर्भय शाहाबादी, केदार हाजरा, प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख गणेश मिश्रा भी थे।

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सीएनटी पर गेंद सरकार के पाले में : अर्जुन

मधुबन : पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर उन्होंने अपनी बातें पत्र लिखकर सरकार और प्रदेश अध्यक्ष को बता दी हैं। गेंद अब सरकार के पाले में है। इस पर जो भी निर्णय लेना है, सरकार को लेना है। वे मधुबन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मुंडा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट कोई योजना नहीं है बल्कि यह लोगों के भविष्य से जुड़ा है। इस कारण इस पर बहुत सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए था। इस एक्ट में संशोधन से पार्टी को नुकसान हुआ है। सीएम के व्यवहार से विधायक और कार्यकर्ता के आहत होने के सवाल पर कहा कि प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा सब कुछ कह चुके हैं। अब हमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है।

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सीएम के आने के पहले निकल गए मुंडा

भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन मुख्यमंत्री रघुवर दास और पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा दोनों का कार्यक्रम था। मुंडा को सुबह नौ बजे प्रशिक्षण शिविर को संबोधन करना था और दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री को। संबोधन के बाद अर्जुन मुंडा करीब एक घंटे से अधिक समय तक कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने जैन मंदिरों का भी दर्शन किया। लेकिन, जैसे ही सीएम के पहुंचने का समय नजदीक आया वे वहां से निकल गए। एक दिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा मधुबन से रांची के लिए निकल गए थे।


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