किसानों ने रोका कोनार नहर का काम
बगोदर (गिरिडीह) : जमीन अधिग्रहण के करीब 40 साल बाद भी मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित बगोदरडीह किसानों
बगोदर (गिरिडीह) : जमीन अधिग्रहण के करीब 40 साल बाद भी मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित बगोदरडीह किसानों ने रविवार को कोनार नहर की रिलाइ¨नग कार्य को रोक दिया। साथ ही मुआवजा नहीं मिलने तक काम को बंद रखने की चेतावनी दी।
बताया जाता है कि वर्ष 1978 में कोनार नहर ¨सचाई परियोजना के तहत बगोदरडीह के रैयतों की 34 एकड़ 77 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण किया था। 75 को लगभग 6 एकड़ जमीन का मुआवजा अब तक नहीं मिला है। इससे किसान आक्रोशित हैं। मुआवजा के लिए किसान वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। इसके लिए किसानों ने संघर्ष मोर्चा का गठन भी किया है, जिसका अध्यक्ष मोहन विश्वकर्मा को बनाया गया है। किसानों ने बताया कि इसी मोर्चा के बैनर तले पंसस सुनील स्वर्णकार के नेतृत्व में मुआवजा के लिए संघर्षरत हैं। कहा कि सरकार जमीन का मुआवजा दे नहीं तो काम बंद करे।
किसानों का यह भी कहना है कि उक्त परियोजना द्वारा मुआवजा से अधिक जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, जो अनुचित हैं। बगोदरडीह की मसोमात कर्मी ने बताया कि उसकी 13 डिसमिल जमीन उक्त परियोजना जबरन अधिग्रहण करना चाहती है, लेकिन उसे एक पैसा भी मुआवजा नहीं मिला है। काम रोकने में रैयत लक्ष्मण राणा, इलाही मियां, मोहन विश्वकर्मा, बूटा मिस्त्री, नासिर अंसारी, छोटन साव, बुद्धिनी, कृष्णा यादव, विश्वनाथ साव, तरुण देवी, विमला देवी आदि शामिल थे।