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रेलवे पुल से छात्र गिरा, रोकी ट्रेन

गिरिडीह : मुफस्सिल थाना अंतर्गत गरहाटांड़ गांव स्थित रेलवे पुल के उपर से छात्र के गिरकर गंभीर रूप से

By Edited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 09:40 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 09:40 PM (IST)
रेलवे पुल से छात्र गिरा, रोकी ट्रेन
रेलवे पुल से छात्र गिरा, रोकी ट्रेन

गिरिडीह : मुफस्सिल थाना अंतर्गत गरहाटांड़ गांव स्थित रेलवे पुल के उपर से छात्र के गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाने के बाद पाठकहीर के आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार शाम पाठकहीर गांव के पास मधुपुर-गिरिडीह सवारी ट्रेन को रोक कर विरोध जताते हुए उसरी नदी पर पुल निर्माण की मांग की। आक्रोशित महिला-पुरुषों के साथ बच्चों ने भी रेलवे पटरी पर बैठकर सांसद, विधायक, मुखिया समेत रेलवे व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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ट्रेन रोकने की सूचना मिलने के बाद वहां पहुंचे मुफस्सिल थाना एवं जीआरपी के पदाधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाते हुए पटरी पर से उठाया। करीब सवा घंटे आक्रोशितों ने ट्रेन को रोके रखा।

बताया जाता है कि सोमवार को पाठकहीर गांव निवासी राजू तांती का लगभग सात वर्षीय पुत्र संदीप कुमार गरहाटांड़ गांव अपने साथी अरूण कुमार, कृष्णा कुमार, रेशमी कुमारी आदि बच्चों के साथ ट्यूशन पढ़ने आया था। ट्यूशन पढ़ने के बाद वह सभी रेलवे पुल के रास्ते अपने घर जा रहे थे। पुल की उंचाई काफी होने के कारण संदीप अचानक पुल से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चों ने इसकी सूचना उसके परिजनों को दी। परिजन संदीप को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गये। बताया गया कि यहां प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे धनबाद रेफर कर दिया गया। वहां भी बच्चे की स्थिति नाजुक बताते हुए उसे बोकारो रेफर कर दिया गया। संदीप फिलहाल कोमा में है।

इधर घटना को ले पाठकहीर के ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गये और शाम को गांव के पास रेलवे पटरी पर सभी उतर आये। ग्रामीणों ने पहले पटरी के बीच में लाल कपड़ा बांध दिया और सभी मधुपुर से गिरिडीह आनेवाली सवारी ट्रेन को रोकने के लिए पटरी पर ही बैठ गये। निर्धारित समय पर ट्रेन को आते देख सभी महिला-पुरूष व बच्चे ट्रेन की और दौड़ पड़े। ट्रेन हॉर्न बजाते हुए आगे बढ़ रही थी फिर भी ग्रामीणों का आक्रोश कम नहीं हो रहा था। वे लोग ट्रेन की दिशा में भागे चले जा रहे थे। अंत में चालक ने ट्रेन को रोक दिया।

इस संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि उन लोगों की मंशा ट्रेन रोकने की नहीं थी बल्कि विरोध जताना था। ग्रामीणों का कहना था कि यहां से जब भी ट्रेन गुजरती है तो चालक हॉर्न नहीं बजाता है। हार्न नहीं बजाये जाने के कारण रेलवे पुल से गुजरनेवालों को काफी परेशानी होती है।

ग्रामीणों ने बताया कि यहां उसरी नदी में पुल नहीं होने के कारण आवागमन में काफी दिक्कत होती है। मजबूरी में रेलवे पुल का सहारा लेना पड़ता है जो जोखिम भरा होता है। इस मार्ग से गांडेय, पाठकहीर समेत कई गांव के लोग आवागमन करते हैं। बताया गया कि यहां पुल नहीं होने के कारण कुछ दिनों पूर्व बड़का नुनू की पत्नी का प्रसव रेलवे पुल पर ही हो गया था। यह तो ईश्वर की कृपा थी कि किसी को कुछ नहीं हुआ। यहां हमेशा दुर्घटना घटती रहती है। वे लोग लड़कियों को पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेज सकते हैं। असामाजिक तत्वों का जमावाड़ा यहां लगा रहता है। कहा कि इस बारे में सांसद, विधायक, मुखिया व जिला प्रशासन से कई बार पुल निर्माण की मांग की गयी लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई। ट्रेन की खिड़की के बाहर साइकिल बांधे जाने से पुल पर से गुजरनेवालों को काफी परेशानी होती है। लोगों ने उसरी नदी में पुल निर्माण की मांग की है।


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