Move to Jagran APP

पुराने भवन के लिए वाटर हार्वे¨स्टग जरूरी नहीं

गिरिडीह : नगर पर्षद क्षेत्र में अब पुराने भवनों में वाटर हार्वे¨स्टग की व्यवस्था करना जरूरी नहीं है

By Edited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 08:18 PM (IST)
पुराने भवन के लिए वाटर हार्वे¨स्टग जरूरी नहीं

गिरिडीह : नगर पर्षद क्षेत्र में अब पुराने भवनों में वाटर हार्वे¨स्टग की व्यवस्था करना जरूरी नहीं है। नप बोर्ड की बैठक में तत्काल प्रभाव से इसे स्थगित कर दिया गया है। लेकिन, जिन लोगों ने हाल ही में मकान का नक्शा बनवाया है उन्हें इसकी व्यवस्था करनी होगी। साथ ही बिल्डरों द्वारा निर्मित अपार्टमेंट में इसे आवश्यक रखा गया है। साथ ही जो लोग 200 स्कवायर फीट में अपना खपरैल का मकान बनाकर रह रहे हैं, उनलोगों को किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ेगा। अर्थात उन्हें टैक्स के दायरे से मुक्त किया जाता है। यह घोषणा नप अध्यक्ष दिनेश प्रसाद यादव ने सोमवार को बोर्ड की बैठक में की।

loksabha election banner

उपाध्यक्ष राकेश मोदी, सभी वार्ड पार्षदों, कार्यपालक पदाधिकारी राजीव मिश्र एवं अन्य संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में चालू वित्तीय वर्ष में कल्याणकारी योजनाओं के लिए 304 करोड़ 81 लाख 16 हजार 500 रुपये का बजट प्रस्ताव लाया गया, जिसे सबने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। हालांकि खर्च का लक्ष्य 304 करोड़ 83 लाख रुपये रखा गया है।

बताया गया कि बोर्ड में पारित सभी प्रस्ताव को सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। इस बैठक में सैरात मामले की चर्चा नहीं हो सकी। जिसमें हर तीन साल में 15 फीसद की वृद्धि किए जाने का प्रावधान है। इसमें बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड आदि की निलामी को शामिल किया गया है।

कहा गया कि जो लोग 200 स्कवायर फीट में अपना खपरैल का मकान बनाकर रह रहे हैं, उन्हें इसलिए कर भुगतान से मुक्त रखा जा रहा है, क्योंकि वे टैक्स भुगतान करने में सक्षम नहीं होते। इस मकान में रहने वाले काफी गरीब होते हैं। लेकिन इसके लिए संबंधित क्षेत्र के पार्षदों को मौके का मुआयना करने के बाद अनुशंसा करनी होगी। जो पूर्व से सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मकान में रहते आ रहे थे और उनकी मौत हो गई हो तो उस मकान को उनके आश्रितों को आवंटित कर दिया जाएगा, इसके लिए भी पार्षदों को अनुशंसा करनी होगी। यहां पार्षद संगीता कुमारी, शिवम प्रसाद, सीमा देवी, नीलम झा, तरुण मुखर्जी समेत सभी पर्षद मौजूद थे।

छाया रहा सेल्फ असेसमेंट फार्म भराने का मामला : नप बोर्ड की बैठक में हो¨ल्डग टैक्स को लेकर सेल्फ असेसमेंट फार्म भराने का मामला छाया रहा। इस मामले को लेकर कई बार बहस भी हुई। सभी कह रहे थे कि इसकी जानकारी सभी पार्षदों को भी नहीं दी गई है। जिस एजेंसी द्वारा यह काम कराया जा रहा है, उसके लोगों को भी इसकी जानकारी नहीं होने के कारण जबरन मनमानी तरीके से टैक्स की राशि लोगों के मत्थे मढ़ दी जा रही है। इतना ही नहीं इसे लेकर पूरे शहर में लोग धरना-प्रदर्शन के साथ विरोध भी कर रहे हैं। हम लोग भी आमलोगों को पूरी तरह समझा नहीं पा रहे हैं। आखिर नप सही है तो क्यों नहीं माइक लगाकर सभी वार्डो में सही जानकारी के साथ प्रचार-प्रसार कर रही। इस पर अध्यक्ष समेत कार्यपालक पदाधिकारी राजीव मिश्र ने पूर्व में एवं वर्तमान में लगने वाले हो¨ल्डग टैक्स की जानकारी दी। साथ ही संबंधित आंकड़े से संबंधित कागजात भी बांटे गए। बताया गया कि पूर्व में जहां चार प्रकार का टैक्स 13 प्रतिशत लोगों से लिया जाता था, अब सभी को मिलाकर मात्र 2 ही प्रतिशत टैक्स लिया जाएगा। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक महज 50 फीसदी लोगों ने ही स्वकर निर्धारण प्रपत्र भरकर जमा किया है, जबकि 23 फरवरी तक सभी को यह फार्म भरकर जमा कर देना है। इस काम में सभी पार्षद भी सहयोग करें। अगर निर्धारित तिथि तक लोगों ने इस फार्म को नहीं भरा तो संबंधित को जुर्माना देना होगा। यह सुनने के बाद फिर सुमित कुमार, पूनम बर्णवाल, सहिदा खातून समेत कई पार्षदों ने विरोध करते हुए कहा कि जब उन्हें ही अभी तक पूरी जानकारी इस मामले में नहीं है तो लोगों से कैसे फार्म भरवाया जाए। इसी बीच पार्षद फिरदौस परवीन उठकर जाने लगी, जिसे कार्यपालक पदाधिकारी ने आग्रह कर बैठाया। पार्षदों के विरोध के बाद इस फार्म को भरवाने वाली एजेंसी के राजेश झा जब इसके बारे में बताने के लिए खड़े हुए तो उन्हें यह कहकर बैठा दिया गया कि आपके जो लोग क्षेत्र में जाते हैं, उन्हें बुलाकर पूछे कि इसके बारे में कितनी जानकारी है।

मानदेय नहीं मिला तो नहीं भरवाएंगे फार्म

पार्षदों को गत जुलाई माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। शिवरात्रि के पूर्व अगर उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया गया तो स्वनिर्धारण फार्म भरवाने में सहयोग नहीं करेंगे। इस पर कार्यपालक पदाधिकारी समेत अध्यक्ष ने जल्द ही मानदेय भुगतान कराने का भरोसा दिया। तभी कुछ पार्षदों ने मानदेय बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजने की अपील की। कहा गया कि जनप्रतिनिधि विधायक एवं सांसद भी हैं। उनका मानदेय समेत अन्य सुविधाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। आखिर वे भी चुने हुए प्रतिनिधि हैं, तो फिर उनके मानदेय में बढ़ोतरी क्यों नहीं होगी। पार्षदों ने कहा कि कम से कम दस हजार रुपये मानदेय भुगतान का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाए। इसपर अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में भी 15 हजार मानदेय भुगतान का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला। अगर सभी की सहमति बनी तो अगली बैठक में इसपर विचार किया जाएगा।

दो प्रकार का टैक्स क्यों दें व्यवसायी : पार्षद मुकेश साहू ने कहा कि व्यवसायियों से दो प्रकार का टैक्स क्यों लिया जा रहा है। एक बार उन्हें रजिस्ट्रेशन कराते वक्त ट्रेड लाइसेंस के नाम पर टैक्स लिया जाता है। फिर अभी हो¨ल्डग टैक्स के नाम पर उनसे कर की वसूली की जाएगी। आखिर एक व्यक्ति से दो टैक्स क्यों लिया जाएगा। इसपर अध्यक्ष ने बताया कि ट्रेड लाइसेंस के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इस समय केवल एक ही बार निबंधन शुल्क लिया जाता है। इसके बिना कोई भी व्यवसायी न तो बैंकों में अपना खाता खुलवा सकेगा और न हीं अन्य सरकारी सुविधा उन्हें मिल पाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.