मार्च तक पूर्ण साक्षर होगी 70 पंचायत
गिरिडीह : मार्च 2017 तक जिले की 70 पंचायत पूर्ण साक्षर हो जाएंगी। इसमें 12 प्रखंडों की 5-5 पंचायतें
गिरिडीह : मार्च 2017 तक जिले की 70 पंचायत पूर्ण साक्षर हो जाएंगी। इसमें 12 प्रखंडों की 5-5 पंचायतें शामिल हैं। तिसरी प्रखंड की सभी 15 पंचायतों का चयन संपूर्ण साक्षरता के लिए किया गया है। तिसरी प्रखंड को छोड़ शेष 60 पंचायतों में 62634 असाक्षर महिला-पुरुषों को उक्त अवधि तक साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। संबंधित पंचायतों में लक्ष्य हासिल करने के लिए जोरशोर से कम किया जा रहा है।
साक्षर भारत मिशन के तहत जिले के 12 प्रखंडों की 5-5 तथा तिसरी प्रखंड की सभी 15 पंचायतों का चयन पूर्ण साक्षर करने के लिए किया गया है। संबंधित पंचायतों के लोक शिक्षा केंद्रों में असाक्षर महिला-पुरुषों का नामांकन कर उन्हें साक्षर बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। प्रेरकों के माध्यम से केंद्रों में पठन-पाठन का कार्य कराया जा रहा है। डीपीएम अभिषेक कुमार ने बताया कि सभी लोक शिक्षा केंद्रों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध करा दी गई है, ताकि असाक्षरों का पठन-पाठन ठीक से हो सके।
इन पंचायतों का चयन :
गिरडीह प्रखंड की पुरनानगर, परातडीह, महेशलुंडी, लेदा व पहाड़पुर, बेंगाबाद की ओझाडीह, चपुआडीह, गोलगो, ताराजोरी व हरिला, गांडेय की घाटकुल, फुलजोरी, पर्वतपुर, मेदिनीसारे व बड़कीटांड़, पीरटांड़ की चिरकी, कुम्हरलालो, हरलाडीह, कुड़को व सिमरकोठी, डुमरी की जरीडीह, कल्हाबार, नगरी, चेंगरो व इसरी उत्तरी, बगोदर की सरिया पूर्वी, अडवारा, जरमुने, अटका पश्चिमी व सरिया पश्चिमी, जमुआ की धुरैता, कारोडीह, चुंगलो, टीकामगहा व हरला, धनवार की लाल बाजार, सापामारन, सिरामडीह, धनैपुरा व बजटो, बिरनी की बलगो, अरारी, पेशम, दलांगी व बिरनी, देवरी की बैरिया, नेकपुरा, सिकरूडीह, असको व हरला और गावां प्रखंड की पिहरा पूर्वी, मंझने, गावां, सेरूआ व सांख पंचायत का चयन किया गया है।
कहां कितने असाक्षर : गिरिडीह प्रखंड की चयनित पंचायतों में 8377, बेंगाबाद में 4093, गांडेय में 4238, पीरटांड़ में 6301, डुमरी में 5952, बगोदर में 5836, जमुआ में 7168, धनवार में 5099, बिरनी में 5096, देवरी में 4669 तथा गावां में 5925 असाक्षर महिला-पुरुषों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें मार्च माह तक साक्षर बनाना है।
होगा शून्य ड्रॉप आउट : इन पंचायतों को मार्च तक न केवल पूर्ण साक्षर बनाना है, बल्कि बच्चों का शून्य ड्रॉप आउट भी करना है। 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों का विद्यालयों में नामांकन और उपस्थिति भी सुनिश्चित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वर्जन------------
- पूर्ण साक्षर बनाने के लिए चयनित पंचायतों में असाक्षर महिला-पुरुषों का सर्वे कर लोक शिक्षा केंद्रों में उनका नामांकन कर लिया गया है। पठन-पाठन भी शुरू कर दिया गया है। समय पर लक्ष्य हासिल हो, इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।
कमला ¨सह, डीएसई सह सचिव, जिला साक्षरता समिति।