Move to Jagran APP

इस गौशाला में मात्र एक दर्जन गौमाता

जमुआ (गिरिडीह) : अंग्रेजों के जमाने में जमुआ के परगोडीह में बना खरगडीहा मिर्जागंज गौशाला 88 वर्ष बी

By Edited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 01:01 AM (IST)
इस गौशाला में मात्र एक दर्जन गौमाता

जमुआ (गिरिडीह) : अंग्रेजों के जमाने में जमुआ के परगोडीह में बना खरगडीहा मिर्जागंज गौशाला 88 वर्ष बीत जाने के बाद भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। गौशाला को तारणहार का इंतजार है। 60 का दशक इसका सुनहरा काल था। इसी समय में गौशाला के तत्कालीन सचिव स्वर्गीय रामकिशुन साव के अथक प्रयास से परिसर की चहारदीवारी की गई थी। उस वक्त गाय और बछड़े यहां की शोभा बढ़ाते थे। बाद में धीर-धीरे गौशाला की रौनक घटती चली गयी। कुछ वर्ष पहले तक लगने लगा था कि गौशाला सिर्फ नाम का होकर रह गया है।

loksabha election banner

गौशाला में है एक दर्जन गाय

यहां न तो एक गाय थी और ना ही अन्य सुविधाएं। वर्ष 2012 में तत्कालीन सचिव परमेश्वरी राय के निधन के बाद खरगडीहा, मिर्जागंज गौशाला समिति के सचिव सुरंजन ¨सह बने। उन्होंने गौशाला के विकास के प्रति अपनी जवाबदेही और जिम्मेवारी समझी। जिसके बाद अभी एक दर्जन से अधिक गाय व बछड़े गौशाला में हैं। इनके देखभाल के लिए एक व्यक्ति को भी रखा गया है।

विधायक के प्रयास से हुआ निबंधन

1928 से संचालित इस गौशाला का निबंधन नही रहने के कारण सरकारी सुविधा नही मिल पा रही है। जमुआ विधायक सह सचेतक केदार हा•ारा ने विधानसभा में गौशाला के जीर्णोद्धार का मामला इसी वर्ष मई माह में उठाया। इसके बाद विधायक हाजरा और सचिव सुरंजन ¨सह के प्रयास से इसी माह गौशाला का निबंधन हुआ है।

भवन पूरी तरह से जर्जर

गौशाला का अपना 12 एकड़ जमीन है। परिसर में गौ माता को रखने के लिए बनाया गया भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। चहारदीवारी भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गयी है।

सहयोग की अपील

गौशाला के सचिव सुरंजन ¨सह ने कहा कि जबसे उन्हें सचिव पद की जिम्मेवारी मिली है वे इसके विकास के लिए प्रयत्नशील हैं। जनसहयोग की अपेक्षा है। जनसहयोग से ही गौशाला के दिन बहुरेंगे। बीते वर्ष बाबा स्टील फैक्ट्री के मालिक मोहन साव ने गौशाला को गाय खरीदने के लिए एक लाख रुपया दान दी थी। गौशाला के विकास के लिए लोगों से सहयोग की अपील उन्होंने की है


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.