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एसआरएल जांच यूनिट पर उठ रहा सवाल

गिरिडीह : जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में इस साल खुली एसआरएल जांच इकाई (रेनबैक्सी) की गतिविधियों क

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 01:06 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 01:06 AM (IST)

गिरिडीह : जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में इस साल खुली एसआरएल जांच इकाई (रेनबैक्सी) की गतिविधियों को लेकर अब सदर अस्पताल प्रशासन ने सवाल खड़ा किया है। पूर्व में अस्पताल प्रबंधन से स्थानीय लोगों की ओर से जांच रिपोर्ट को लेकर शिकायत की जा रही थी। इस शिकायतों की पड़ताल के बाद अस्पताल प्रबंधन ने यूनिट में व्याप्त अनियमितता को लेकर सरकार को रिपोर्ट भेजा है।

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बता दें कि इस साल अस्पताल परिसर के दो बड़े कमरे में पीपीपी मॉडल पर एसआरएल जांच इकाई स्थापित की गई। यहां अस्पताल में भर्ती मरीजों की पैथोलॉजी जांच विभागीय भुगतान के आधार करने का प्रावधान किया गया है। इससे उलट यहां भर्ती मरीजों से भी शुल्क वसूल रही है। यहीं नहीं बीपीएल मरीजों की जांच निश्शुल्क करने की व्यवस्था भी अब तक नहीं की गई है, जबकि जांच यूनिट परिसर में इसके बड़े-बड़े स्लोगन लिखे गए हैं। सदर अस्पताल के कई चिकित्सकों सहित शहर के जरूरतमंद लोगों ने एसआरएल की जांच रिपोर्ट में खानापूर्ति के आरोप भी लगाए हैं। लोगों का कहना है कि यहां नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। उक्त पैथोलॉजी जांच में चार टेक्नीशियन और दो डाक्टर पैथोलॉजी विशेषज्ञ का प्रतिनियोजन कंपनी स्तर से किया गया है। इसमें से एक डाक्टर यहां कभी आते ही नहीं है। अस्पताल में भर्ती गर्भवती स्त्रियों की विभिन्न जांच भी शुल्क वसूली के बाद ही की जाती है। इससे अस्प्ताल प्रबंधन भी काफी खफा है। इसके अलावा प्रचार होर्डिग में जिन-जिन जांचों का उल्लेख किया गया है, इसमें से कई जांच अभी यहां नहीं हो रही है। इससे लोगों में भ्रम की स्थिति बन रही है। इसके अलावा घोषणा के बाद भी जांच रिपोर्ट ऑनलाइन नहीं की गई है। इससे रिपोर्ट की जानकारी लेने में लोगों को भारी परेशानी होती है। हुट्टी बाजार निवासी धनंजय कुमार ने बताया कि ऑनलाइन नहीं होने से जांच रिपोर्ट लेने में मुश्किल बढ़ी है।

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'अस्पताल प्रशासन की ओर से सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है। जांच इकाई राज्य सरकार से एमओयू के तहत खोली गई है, लिहाजा इसका नियंत्रण भी राज्य मुख्यालय के अधीन ही है। कंपनी को अपनी साख के अनुरूप उक्त जांच इकाई के संचालन में संतुलन बनाने की आवश्यकता है। सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश का इंतजार है।

- डॉ. एस. सन्याल, सिविल सर्जन, गिरिडीह

-----------------------------------कंपनी की गाइड लाइन के अनुसार यहां जांच इकाई का संचालन किया जा रहा है। विभागीय भुगतान के आधार पर मरीजों की जांच को लेकर कंपनी से दिशा निर्देश लिया जा रहा है। अभी प्रारंभिक चरण में कई चीजें पटरी पर नहीं आयी है। धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो जायेगा। बीपीएल धारी मरीजों को निश्शुल्क जांज की सूची डिसप्ले की गयी है। संबंधित सरकारी चिकित्सकों के अनुमोदन के आधार पर निश्शुल्क जांच की सुविधा दी जाती है। - डा कासीफ, पैथोलॉजी हेड, एसाआरएल जांच इकाई, गिरिडीह।


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