खर्च का ब्योरा देने में छूट रहा पसीना
रेम्बा (गिरिडीह) : पंचायत चुनाव की सरगर्मी खत्म होने पर अब प्रत्याशियों को खर्च का ब्योरा देने में
रेम्बा (गिरिडीह) : पंचायत चुनाव की सरगर्मी खत्म होने पर अब प्रत्याशियों को खर्च का ब्योरा देने में पसीने छूट रहा है। कुछ ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतरे थे जो चुनाव के बारे में बिल्कुल ही अनभिज्ञ थे। वैसे प्रत्याशी जानकारों के पास जा रहे हैं। चुनावी दंगल में बाजी मारने के लिए विभिन्न प्रत्याशियों ने जन बल के साथ धन बल का खूब उपयोग किया। वोटरों को लुभाने के लिए कई प्रत्याशियों ने बेहिसाब खर्च किए, लेकिन जब खर्च का ब्योरा जमा करने की बारी आई तो दिन में तारे दिखने लगे। कुछ प्रत्याशियों को देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि उनके पसीने छूट रहे हैं। वे जानकारों से संपर्क साध कर उनसे पूछ रहे हैं कि चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा किस प्रकार दें कि उन पर चुनाव आयोग की तलवार नहीं लटके।
जानकारी के अनुसार खर्च का ब्योरा 29 नवंबर तक जमा करना है। चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं देने पर कार्रवाई हो सकती है। विगत चुनाव में जमुआ के 11 प्रत्याशियों को खर्च का ब्योरा जमा नहीं करने पर आयोग ने चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था। इसे देखते हुए इस बार के प्रत्याशी काफी सतर्क हैं कि ब्योरा नहीं देने पर अगले चुनाव में परेशानी हो सकती है। यह बात भी सामने आने लगी है कि कई प्रत्याशियों ने खर्च की सीमा को पार कर दिया है, लेकिन तय सीमा के अंदर खर्च दिखाने की कवायद की जा रही है। बता दें कि हीरोडीह थाना क्षेत्र की कई पंचायतों में भी पैसे का खेल देखने को मिला।