आउटसोर्सिग से बदलेगा सदर अस्पताल
गिरिडीह : लचर चिकित्सा सेवा के लिए बदनाम सदर अस्पताल की आंतरिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिला
गिरिडीह : लचर चिकित्सा सेवा के लिए बदनाम सदर अस्पताल की आंतरिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिला प्रशासन आउटसोर्सिग का सहारा लेने जा रहा है। इसके तहत निकाली गई निविदा में छह अलग-अलग एजेंसियों के प्रस्ताव की जांच चल रही है। आवश्यक अर्हता पूरी करनेवाली एजेंसी के चयन के लिए बुधवार की शाम को स्वास्थ्य विभाग एवं सेल्स टैक्स सहित चिकित्सा पदाधिकारियों की हुई मैराथन बैठक में चेक लिस्ट के अनुसार एजेंसियों की सूचना की पड़ताल की गई।
सदर अस्पताल प्रशासन एजेंसी के चयन में पूरी सावधानी बरतना चाहता है। अस्पताल की मौजूदा व्यवस्था से नाराज उपायुक्त उमाशंकर ¨सह ने यहां सुधार की कई योजनाओं को एक साथ शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें जनऔषधि केंद्र को सक्रिय करने, गरीब मरीजों को कम कीमत पर जेनरिक दवा मुहैया कराने के लिए रेडक्रॉस के सहयोग से दवा स्टॉल खोलने के साथ-साथ अस्पताल के मेंटेंनेस के लिए निजी एजेंसी की सेवा लेने आदि योजनाएं शामिल हैं।
सदर अस्पताल में छह बेड वाली आइसीयू के निर्माण को लेकर पूर्व में ही अस्पताल प्रबंधन समिति की सहमति बनी थी। अनुश्रवण एवं निगरानी समिति की बीते माह सांसद की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया गया। अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस और शव ढोनेवाले वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित कर सामान्य मरीजों को राहत दिलाने का काम किया है।
''आउटसोर्सिग और जेनरिक दवा की आपूर्ति के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। आउटसोर्सिग के तहत अस्पताल परिसर की सफाई, नर्सिग, असैनिक एवं वित्तीय प्रबंधन सहित अन्य निर्धारित मापदंडों के अनुरूप निजी एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू की गई। उपायुक्त के दिशा-निर्देश के आलोक में सभी बिन्दुओं पर गहन जांच-पड़ताल कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
- डॉ. एस सन्याल, सिविल सर्जन, गिरिडीह