लोचन ने पेश की ईमानदारी की मिसाल
गिरिडीह : स्थानीय सिहोडीह निवासी लोचन दास। होटल में रसोइया का पेशा। मानदेय करीब पांच हजार। घर में दो
गिरिडीह : स्थानीय सिहोडीह निवासी लोचन दास। होटल में रसोइया का पेशा। मानदेय करीब पांच हजार। घर में दो-दो परिजन बीमार। गरीबी के ऊपर बीमारी के इलाज का दंश झेलने वाले ऐसे किसी व्यक्ति को यदि पचास हजार रुपये की विदेशी करेंसी यदि हाथ लग जाए तो क्या वह लौटाएगा। लोचन दास ने अपनी परेशानी और गरीबी को दरकिनार कर ईमानदारी की नजीर पेश की। इसके लिए पुलिस ने सोमवार को उसे पुरस्कृत किया।
पुलिस की मानें तो दो दिन पूर्व बीच शहर के झंडा मैदान में लगे शिल्प मेला में न्यू बरगंडा निवासी विशेश्वर त्रिपाठी पहुंचे थे। उनका पर्स वहीं गुम हो गया। यह पर्स लोचन दास को मिला। उसमें पंद्रह हजार रुपये समेत डॉलर और यूरो थे। उसमें विजया बैंक की एक पर्ची भी थी। लोचन दास ने विजया बैंक से संपर्क कर पर्ची में दर्ज उपभोक्ता यानी त्रिपाठी का डिटेल खंगाला। वहीं से त्रिपाठी का जब पूरा पता मिला तो दास उनके घर पर्स पहुंचाने पहुंच गए। पर्स सौंप भी दिया।
इसकी जानकारी मुफस्सिल थाना प्रभारी अजय साहू को मिली तो उन्होंने उनकी ईमानदारी के लिए सम्मानित करने सिहोडीह दास का घर पहुंच गए। वहां मुखिया की मौजूदगी में थाना प्रभारी ने लोचन दास को नगदी और फूल का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया।