राष्ट्रीय स्तर के कमेंटेटर बने शमीम
जमुआ (गिरिडीह) : सच्ची लगन के साथ लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में मन से कार्य किया जाए तो सफलता जरूर मिल
जमुआ (गिरिडीह) : सच्ची लगन के साथ लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में मन से कार्य किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। जमुआ के खरगडीहा निवासी शमीम आलम इसका उदाहरण हैं। बचपन में इनकी चाह थी कि वे राष्ट्रीय स्तर पर कमेंट्री करे। शमीम की यह चाह 34वें राष्ट्रीय खेल में पूरी हुई। राची में हुए इस खेल में उन्होंने कमेंट्री की। केरल में इस वर्ष आयोजित 35 वें राष्ट्रीय खेल में भी उनका चयन कमेंट्री के लिए हुआ है। चयन के बाद 20 दिन तक उन्होंने केरल में रहकर अपनी आवाज की छाप छोड़ी। शमीम ने लंगटा बाबा उच्च विद्यालय (मिर्जागंज) से वर्ष 1975 में मैट्रिक और गिरिडीह कॉलेज से आइएससी करने के बाद धनबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ये फिलवक्त पिपरवार क्षेत्र में सीसीएल अधिकारी हैं।