बैंकिंग क्षेत्र में करें हिन्दी का प्रयोग
गिरिडीह : राजभाषा हिन्दी के व्यापक प्रयोग से बेहतर संवाद संभव है। बैंकिंग सेवा क्षेत्र में हिन्दी के
गिरिडीह : राजभाषा हिन्दी के व्यापक प्रयोग से बेहतर संवाद संभव है। बैंकिंग सेवा क्षेत्र में हिन्दी के प्रयोग से बहुसंख्यक हिन्दी भाषी समाज का बैंकों के प्रति आत्मविश्वास बढ़ेगा। उपायुक्त डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने ये बातें कहीं। वे मंगलवार को शहर के एलडीएम कार्यालय में आयोजित राजभाषा कार्यशाला के उद्घाटन के बाद बैंककर्मियों को संबोधित कर रहे थे।
उपायुक्त ने कहा कि हिन्दी राष्ट्र की भाषा है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने से बेहतर संप्रेषण संभव है। हिन्दी के प्रयोग से बैंकिंग कारोबार में जनता को सुविधा मिलेगी। सुदूर गांव में रहनेवाले लोग अंग्रेजी आम तौर पर नहीं जानते। लिहाजा उनकी बोल-चाल की सामान्य भाषा हिन्दी होती है। उन्होंने सहज, सरल एवं सुगम हिन्दी के प्रयोग पर जोर दिया।
आगंतुकों का स्वागत करते हुए बैंक ऑफ इंडिया के मार्केटिंग हेड वीरेंद्र कुमार ने कहा कि राजभाषा कार्यान्वयन को नई गति प्रदान करने और राजभाषा को आइटी क्षेत्र से जोड़ने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गयी। इससे बैंक के कारोबार में न केवल वृद्धि होगी बल्कि यह आम जनता के लिए भी ग्राह्य होगी। हिन्दी के प्रयोग से बैंकिंग सेवा में पारदर्शिता आएगी।
बीओआइ के आंचलिक प्रबंधक अजय कुमार साहू ने कहा कि भारत सरकार की नीतियों का अक्षरश: अनुपालन करना हमारा दायित्व है। हिन्दी कारोबार का बेहतर माध्यम है। वित्तीय समावेशन एवं प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खाता खोलना एवं ग्रामीण जनता से कारोबार करने में हिन्दी सशक्त भूमिका निभा सकती है। कार्यशाला में 25 अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
एलडीएम अरविन्द कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मौके पर मुख्य प्रबंधक वीरेन राय चौधरी, आरसेटी के निदेशक आरएन प्रसाद, बैंककर्मी रानी प्रिया, पुष्पा कुमार, खुशबू कुमारी, धरणीधर चौधरी आदि उपस्थित थे।