आज गौरव के साथ बोली जा रही मातृभाषा
गिरिडीह : बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शनिवार को मातृभाषा उत्सव मनाया गया, जिसमें मातृ
गिरिडीह : बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शनिवार को मातृभाषा उत्सव मनाया गया, जिसमें मातृभाषा के महत्व पर प्रकाश डाला गया। बच्चों ने कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। बतौर मुख्य अतिथि आरएसएस के प्रांतीय संपर्क प्रमुख सह व्याख्याता बालेंदु शेखर ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भारत पुन: परम वैभव पर आसीन होकर विश्व में अपना परचम लहराएगा।
एक दौर था जब लोग मातृभाषा बोलने में हिचकते थे, लेकिन आज वह गौरव के साथ बोली जाती है। आज विश्व में भाषा संकट उत्पन्न हो गया है। अंग्रेजी भाषा विशेष संक्रमण की स्थिति में है, क्योंकि इसमें कौन सी अंग्रेजी बोली जा रही है, यह अंग्रेजी के विद्वानों को भी नहीं पता चल पा रहा है।
विद्या विकास समिति के संभाग निरीक्षक डॉ. सुरेंद्र झा ने कहा कि मातृभाषा हिन्दी सरल, सहज एवं सुगम भाषा है। इसे बच्चे आसानी से समझ जाते हैं, जबकि अन्य भाषाओं में ऐसी बात नहीं है।
प्राचार्य मदन मोहन मिश्रा ने उत्सव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सीबीएसई के निर्देशानुसार बीते 18 फरवरी से ही मातृभाषा पर कार्यक्रम किया गया, जिसमें विभिन्न भाषाओं मसलन नागपुरी, बांग्ला, उड़िया, भोजपुरी आदि पर आधारित कार्यक्रम बच्चों ने प्रस्तुत किया। विद्यालय में एक सप्ताह तक यह प्रयोग चला कि हिन्दी संभाषण में एक भी अंग्रेजी शब्द का समावेश नहीं किया जाए, क्योंकि हिन्दी अपने आपमें समृद्ध भाषा है।
इस दौरान अभिजीत, शुभांगी, अनुभव वत्स, आशीष मिश्रा, स्नेहा मिश्रा, सुनिधि राज, वंचिता मोली, स्वरूपा कुमारी, विवेक, शशिकांत आदि ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
मंच संचालन ऋत्या कपिस्वे एवं सुजाता कुमारी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख गीता चरणपहाड़ी, सरिता कुमारी, अनिता मिश्रा, अवधेश पाठक, मेनका नेवपाने, पृथा सिन्हा, राजेंद्र लाल वर्णवाल, नीलकंठ विश्वकर्मा, पवन पाठक आदि का योगदान रहा।