नीचे विद्यालय, ऊपर जुआ का अड्डा
: एक ओर छत के नीचे विद्या के मंदिर में बच्चों का पठन-पाठन होता है। बेहतर जिंदगी जीने के गुर सिखाये ज
: एक ओर छत के नीचे विद्या के मंदिर में बच्चों का पठन-पाठन होता है। बेहतर जिंदगी जीने के गुर सिखाये जाते हैं, वहीं छत के ऊपर लक्ष्मी के लिए लोग जुआ खेल कर अपना भाग्य आजमाते हैं। इसका असर बच्चों पर भी देखा जा रहा है। बच्चे सरस्वती को छोड़ लक्ष्मी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
बताते हैं कि चपुआडीह पंचायत के विशनपुर गांव में बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल भवन तक नहीं है। जिसके कारण गांव के ही सामुदायिक भवन में स्कूल चलाकर शिक्षा का दीप जलाया जा रहा है, लेकिन उक्त भवन की छत पर साल भर जुआ अड्डा चलता है। जुआ का बच्चों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्कूल दो पारा शिक्षक के भरोसे चल रहा है। लोगों का कहना है कि पहले मैदान में जुआ खेला जाता था। कई बार पुलिस ने जुआरियों का को खदेड़ा भी। पुलिस से बचने के लिए जुआरियों ने सामुदायिक भवन की छत को सेफ जोन बना लिया है। सब कुछ जानते हुए भी विरोध का साहस नहीं जुटा पाते हैं। कोई भी विवाद में पड़ना नहीं चाहता है। जुआ से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। साथ ही बच्चों को भी इसकी लत पकड़ने लगी है। सुबह से लेकर देर शाम तक जुआ का अड्डा चलता रहता है। प्रबुद्ध लोगों ने प्रशासन का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए इसे तत्काल बंद कराने की मांग की है।