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रेडी टू इट की राह में रोड़े ही रोड़े

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 07:04 PM (IST)
रेडी टू इट की राह में रोड़े ही रोड़े

गिरिडीह : आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों को पूर्व की भांति तो खिचड़ी मिलेगी। वहीं 0 से 3 वर्ष के दुधमुंहे बच्चों को सरकार ने रेडी टू इट पैकेज्ड फूड के रूप में भरपूर पोषण देने की योजना तैयार की है। पैकेज्ड फूड धातृ और गर्भवती माताओं को भी मिलेगा। सरकार के इस कार्यक्रम को मूर्तरूप देने के लिए विभाग के पसीने छूट रहे हैं।

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केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलने वाली योजना में फूड की आपूर्ति प्रखंड स्तर पर बीडीओ के मातहत होगी। सभी बीडीओ को फूड के सुरक्षित भंडारण के लिए गोदाम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।

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कितनी होगी मात्रा :

जिले के प्रत्येक आबा केंद्र के एक लाभुक के लिए प्रति दिन 125 से 150 ग्राम पैकेज्ड फूड का वितरण किया जाना है। एक केंद्र में औसतन एक सौ लाभुक के संख्याबल को आधार मान कर रेडी टू इट कार्यक्रम की रूपरेखा निर्धारित की गयी है। जिले के 14 बाल विकास परियोजना में कुल 2431 आबा केंद्र हैं। इस लिहाज से पैकेज्ड फूड की मात्रा देखते हुए भंडारण को लेकर विभाग सकते में है।

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उधार लेकर केंद्र चलाने की बाध्यता : आंबा केंद्रों की सेविका और सहायिका को बाजार से एक माह का राशन उधार खरीद कर केंद्र संचालित करना है। उस माह का वाउचर कार्यालय में जमा होने और उसकी स्वीकृति मिलने के बाद ही खर्च की गयी राशि का आवंटन भेजा जाएगा। सेविकाओं को प्रति माह उधार लेकर केंद्र संचालित करने की बाध्यता से मुक्ति मिल सकती है।

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पोषाहार मद में प्रति माह दो करोड़ :

जिले के 2431 आंबा केंद्रों के संचालन में सरकार प्रति माह सिर्फ पोषाहार मद में दो करोड़ रुपया खर्च करती है। एक सेंटर में प्रति माह 7750 रुपये का खर्च आता है। वर्तमान समय में पोषाहार में खिचड़ी, भात-दाल, खीर तथा अन्य व्यंजन शामिल हैं। रेडी टू इट योजना के बाद इस मद में आवंटन में दो तिहाई तक की कमी आ सकती है। दुधमुंहे बच्चे और धातृ व गर्भवती माताओं को पैकेज्ड फूड देने का प्रावधान तय किया गया है।

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-रेडी टू इट कार्यक्रम को लेकर विभागीय स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। मुख्यालय स्तर से इसका दिशा निर्देश भी जारी कर दिया गया है। पैकेज्ड फूड दो किस्म के हैं। इसमें बच्चों के लिए 45 न्यूट्रियेंट्स और महिलाओं के लिए प्रोटीन डेंस फूड की व्यवस्था शामिल है। सप्ताह में छह दिन के लिए दो अलग अलग पैकेट क्रमश : 750 ग्राम और 900 ग्राम के होंगे। अगले माह से उक्त कार्यक्रम के शुरू होने के आसार हैं। - इस्लामुन हक, डीएसडब्ल्यूओ


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