डेंगू मरीजों की पहचान से सकते में स्वास्थ्य महकमा
गिरिडीह : महानगरों के बाद अब डेंगू मरीजों की पहचान छोटे शहरों में होने से स्वास्थ्य महकमा यहां सकते में आ गया है। गिरिडीह में भी तेजी से डेंगू पीड़ित मरीजों की पहचान हो रही है।
चिकित्सकों के पास इन दिनों तेज बुखार और सिरदर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुधवार को अलकापुरी निवासी अजय कुमार ने जब चिकित्सक से तेज बुखार और सिरदर्द की शिकायत की तो उन्हें डेंगू की जांच की सलाह दी गयी। जांच रिपोर्ट में डेंगू के प्रारंभिक स्टेज के लक्षण की पुष्टि हुई। कुछ माह पूर्व शहर के बरमसिया मोहल्ले में भी दो भाई में डेंगू के लक्षण पाये गये थे। हालांकि इलाज के बाद दोनों ठीक हो गये।
इधर मौसमी बीमारी को लेकर क्लीनिकों में भी मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है। जांच में मरीजों को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है। डेंगू परीक्षण में एक मरीज से कम से कम ग्यारह सौ रुपया लिया जा रहा है। रक्त में डेढ़ लाख से साढ़े चार लाख प्लेटलेटस की संख्या में कमी होने से डेंगू की संभावना होती है। डेंगू को लेकर यहां स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गयी है।
सिविल सर्जन डॉ. सिद्धार्थ सन्याल ने बताया कि तेज बुखार और सिरदर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों में डेंगू की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। स्वास्थ्य महकमा इलाज को लेकर गंभीर है। प्रारंभिक स्टेज में पकड़ में आने पर डेंगू का उपचार संभव है। प्लेटलेटस में अधिक गिरावट आने पर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया जाता है।