जलसंकट गहराया, फसल बचाने की चुनौती
संवाद सहयोगी, सरिया (गिरिडीह): सरिया व आसपास के क्षेत्रों में जलसंकट गहराने लगा है। क्षेत्र के अधिकांश कुएं का जलस्तर काफी नीचे चला गया है, तालाब व नदियां भी सूखने के कगार पर हैं, जबकि कई जलाशय पूरी तरह सूख चुके हैं। जिससे इंसान के साथ-साथ मवेशियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं किसानों के समक्ष फसलों को बचाने का संकट उत्पन्न हो गया है।
इधर, शहरी क्षेत्र में लोगों को पीने का पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरिया रेलवे फाटक व स्टेशन के समीप आवासों तथा स्टेशन परिसर में सप्लाई का पानी लेने के लिए सुबह से ही लोगों की लाइन लग जाती है। सरिया में व्याप्त जल संकट को लेकर युवाओं ने प्रशासन से अविलंब समस्या समाधान करने की मांग की है।
अरूण कुमार ने कहा कि प्रत्येक वर्ष गर्मी शुरू होते ही क्षेत्र में जलसंकट उत्पन्न हो जाता है, लेकिन विभाग के पास इसके समाधान के लिए कोई ठोस योजना ही नहीं है।
सुमित कुमार ने कहा कि सरिया में 2007 में शहरी जलापूर्ति योजना की शुरुआत हुई है, लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है। जनता के प्रति विभाग कितना संवेदनशील है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
उमेश प्रसाद ने कहा कि गर्मी के आगाज के साथ ही क्षेत्र में जल की समस्या उत्पन्न होने लगी है। प्रशासन को टैंकर के माध्यम से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति करनी चाहिए।
मुन्ना मंडल ने बताया कि सरिया रेलवे फाटक से लेकर बगोडीह मोड़ तक कई चापाकल खराब पड़े हैं। विभाग उनकी मरम्मत की व्यवस्था अविलंब करे।
भोला प्रसाद ने कहा कि कुआं का पानी काफी सूख चुका है। जिसके कारण फसल पटाने में काफी परेशानी हो रही है।
रीतलाल प्रसाद ने कहा कि विभाग ने सरिया में एक हिस्से में पेयजल आपूर्ति योजना शुरू कर दी है, लेकिन आमजनों के लिए एक भी नल की व्यवस्था बाजार में नही की गई है।
राहुल शर्मा ने कहा कि जल संकट से परेशानी हो रही है। विभाग अविलंब इसका समाधान करे।
राजेश पांडेय ने बताया कि इस चिलचिलाती गर्मी में लोगों को पेयजल की समस्या से दो चार होना पड़ रहा हैं। विभाग को जगह-जगह प्याऊ की व्यवस्था करनी चाहिए।